कोरबा, 04 जुलाई 2025/sns/- जहाँ कभी बिजली की खपत और बिल की चिंता होती थी, अब वहीं मुफ्त बिजली आत्मनिर्भरता की पहचान बन चुकी है। भारत सरकार द्वारा प्रारंभ की गई यह महत्वाकांक्षी योजना आज न केवल देश की ऊर्जा आवश्यकता को हरित विकल्पों से जोड़ रही है, बल्कि आम जनजीवन को आर्थिक रूप से भी सशक्त बना रही है। कोरबा जिले के कटघोरा विकासखंड अंतर्गत कसनिया ग्राम में निवासरत श्री संजय अग्रवाल इसका जीवंत उदाहरण हैं।
पेशे से व्यवसायी श्री संजय अग्रवाल के व्यवसाय में फ्रिज, पंखे, कूलर, कंप्यूटर जैसे कई विद्युत उपकरण चलते रहते थे, जिससे बिजली की खपत काफी अधिक होती थी। हर माह बिजली बिल का भुगतान करना वे एक स्थायी समाधान की तलाश में थे। जब उन्हें प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना की जानकारी मिली, तो उन्होंने बिना समय गंवाए आवेदन किया। योजना के तहत उन्होंने 3 किलोवॉट क्षमता का सोलर रूफटॉप पैनल अपने मकान की छत पर स्थापित कराया। इस सोलर संयंत्र ने उनकी अधिकतम बिजली आवश्यकताओं को पूरा करना शुरू कर दिया। अब श्री अग्रवाल का बिजली बिल शून्य के करीब आ चुका है। इतना ही नहीं, जब उनके द्वारा उत्पन्न सौर ऊर्जा की खपत से अधिक यूनिट बनते हैं, तो वे ग्रिड में वापस भेज दिए जाते हैं, जिससे उन्हें सब्सिडी के रूप में अतिरिक्त आर्थिक लाभ भी प्राप्त होता है।
श्री अग्रवाल बताते हैं कि योजना से जुड़ने की प्रक्रिया बेहद सहज और पारदर्शी रही। उन्होंने ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन किया, जिसके बाद स्थानीय विद्युत विभाग की सहायता से सोलर पैनल का निरीक्षण और स्थापना समय पर पूरी की गई। उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित सब्सिडी राशि सीधे उनके बैंक खाते में प्राप्त हुई। सौर ऊर्जा से न केवल उनके घर की जरूरतें पूरी हो रही हैं, बल्कि अब वे बिजली जाने की चिंता से भी मुक्त हो चुके हैं। श्री अग्रवाल कहते हैं, “अब बिजली कभी नहीं जाती, जितनी तेज धूप होती है, उतनी ही ऊर्जा घर में स्टोर हो जाती है। यह योजना सिर्फ रोशनी नहीं लाती, बल्कि सोच में भी बड़ा बदलाव लाती है।“ उनका मानना है कि यह योजना सिर्फ एक घरेलू सुविधा नहीं, बल्कि देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस पहल है। सौर ऊर्जा के उपयोग से वो हर कार्बन उत्सर्जन की बचत कर रहे हैं। यह न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ व सुरक्षित वातावरण देने की जिम्मेदारी भी।
यह स्पष्ट करती है कि सरकारी योजनाएं का बेहतर तरीके से क्रियान्वयन से आम नागरिकों के जीवन में बड़ा परिवर्तन लाती हैं। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना ने न केवल उनके बिजली खर्च को समाप्त किया, बल्कि उन्हें स्वावलंबन और पर्यावरण चेतना का प्रतीक बना दिया है।