छत्तीसगढ़

आदि कर्मयोगी अभियान’’ तीन दिवसीय जिला स्तरीय प्रोसेस लैब का हुआ समापन

मुंगेली, 04 सितम्बर 2025/sns/- जनजातीय क्षेत्रों में सेवा संकल्प और समर्पण के प्रेरक आदर्शाें के साथ जनजाति समुदायों को सशक्त बनाने और जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत करने ‘‘आदि कर्मयोगी अभियान’’ की शुरूआत की गई है। अभियान के तहत जिला लाईवलीहुड कॉलेज जमकोर में तीन दिवसीय जिला स्तरीय प्रोसेस लैब का आज समापन किया गया। समापन कार्यक्रम में कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार और जिला पंचायत सीईओ श्री प्रभाकर पाण्डेय शामिल हुए। उन्होंने प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण की कार्ययोजना और आगे की रणनीति के संबंध में जानकारी ली तथा प्रतिभागियों से परिचय प्राप्त किया। साथ ही आदि कर्मयोगियों को प्रमाण पत्र वितरण कर प्रोत्साहित किया।
कलेक्टर ने अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण को गंभीरता से लेने हेतु प्रोत्साहित करते हुए कहा कि केन्द्र शासन द्वारा जनजातीय ग्रामीण अंचलों की समस्याओं को खत्म करना और समाज में सकारात्मक माहौल तैयार करने के उद्देश्य से इस अभियान की शुरुआत की गई है। यह अभियान आदिवासी समाज को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने और शासन की योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाने का एक व्यापक प्रयास है। इस अभियान का मुंगेली जिले में बेहतर क्रियान्वयन कर प्रदेश में प्रथम स्थान दिलाने के लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में कार्य करें।
कलेक्टर ने कहा कि सभी प्रशिक्षणार्थी आमजनों में सकारात्मक सोच का संचार करें और समाज में व्याप्त नकारात्मकता व सामाजिक कुरीतियों को दूर करने में अपनी भूमिका निभाएँ। ग्रामीणों को यह विश्वास होना चाहिए कि यह पहल उनकी भलाई और विकास के लिए है। उन्होंने अभियान अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य करने वाले सभी अधिकारी-कर्मचारियों को प्रधानमंत्री स्तर पर पुरस्कार दिलाने की बात कही।
जिला पंचायत सीईओ ने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत जिले के तीनों विकासखण्डों के 35 आदिवासी बाहुल्य ग्रामों के 05 हजार 498 परिवार के 22 हजार 890 से अधिक जनजातीय नागरिकों को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है, जहां जनजातीय समाज के विकास से जुड़े स्वास्थ्य, शिक्षा एवं अन्य योजनाओं की समग्र पहुँच सुनिश्चित किया जाएगा। आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त श्री महेन्द्र खाण्डेकर ने बताया कार्यशाला में सभी विभागों के कुल 35 ब्लॉक मास्टर ट्रेनर व सात सदस्यों सहित 42 लोग शामिल हुए। जिन्हें आगामी दिनों में चयनित गांवों में भेजा जाएगा ताकि वे लोगों की वास्तविक समस्याओं की जड़ तक जाकर समाधान कर सकें। इस दौरान जनजातीय क्षेत्रों के 35 गाँवों का विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के संबंध में जानकारी दी गई।

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