कवर्धा, 25 अक्टूबर 2025/sns/- छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अनुसूचित जाति के मेधावी विद्यार्थियों को निजी आवासीय विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण एवं निशुल्क शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से संचालित “श्रेष्ठ योजना” के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए सभी जिलों को निर्देश जारी किए गए हैं। यह योजना भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा संचालित है, जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा के निर्देशानुसार जिला शिक्षा अधिकारी श्री एफ.आर. वर्मा की अध्यक्षता में जिले के सभी विभागीय अधिकारियों, जिला मिशन समन्वयक, सहायक संचालक, समग्र शिक्षा के सहायक कार्यक्रम समन्वयक, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, खंड स्त्रोत समन्वयक एवं सहायक विकासखंड समन्वयकों की बैठक आज जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित की गई।
बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी ने शासन की महत्वाकांक्षी “श्रेष्ठ योजना” पर विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि यह योजना अनुसूचित जाति के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त करने का सुनहरा अवसर है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिले के सभी विद्यालयों में अभिभावक बैठक एवं कक्षा सभाओं के माध्यम से विद्यार्थियों को योजना की जानकारी दी जाए तथा पात्र विद्यार्थियों से 30 अक्टूबर 2025 तक आवेदन सुनिश्चित करवाया जाए। मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता वर्ष के संदर्भ में अधिकारीगणों को विद्यालयों का नियमित निरीक्षण, शैक्षिक गुणवत्ता की समीक्षा तथा विद्यार्थियों को आवश्यक शैक्षणिक समर्थन प्रदान करने के निर्देश भी दिए गए। प्राथमिक स्तर पर बारहखड़ी, लेखन कौशल एवं भाषा दक्षता पर विशेष बल देने की बात कही गई।
इस योजना के तहत देशभर के उत्कृष्ट निजी आवासीय विद्यालयों में चयनित विद्यार्थियों को कक्षा 9 या 11 से लेकर 12वीं तक की शिक्षा पूर्णतः निशुल्क दी जाएगी। शिक्षण शुल्क और छात्रावास व्यय का संपूर्ण वहन भारत सरकार द्वारा सीधे विद्यालयों को किया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों के अभिभावकों पर किसी भी प्रकार का आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। आवेदन प्रक्रिया 10 अक्टूबर से 30 अक्टूबर 2025 तक चल रही है तथा राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा का आयोजन दिसंबर 2025 में संभावित है। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी अधिकारियों से कहा कि वे विद्यालय स्तर पर विद्यार्थियों को आवेदन के लिए प्रेरित करें और उन्हें परीक्षा की तैयारी में सहयोग एवं मार्गदर्शन प्रदान करें, ताकि समाज के वंचित वर्ग के बच्चे शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकें। शासन की यह पहल न केवल शिक्षा के क्षेत्र में समान अवसर उपलब्ध कराएगी, बल्कि सामाजिक न्याय और समावेशी शिक्षा की भावना को भी सशक्त बनाएगी।

