मुंगेली, 26 जून 2025/sns/- आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर आज जिला मुख्यालय स्थित सामुदायिक भवन में आयोजित विविध कार्यक्रमों के माध्यम से लोकतंत्र के लिए संघर्षरत मीसाबंदियों को नमन किया गया। इस अवसर पर छायाचित्र प्रदर्शनी, प्रेरणादायक फिल्म प्रदर्शन एवं मीसाबंदियों का सार्वजनिक सम्मान किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मां भारती के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से हुई। इसके पश्चात आपातकाल लोकतंत्र की हत्या विषय पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया, जिसमें आपातकाल की विभीषिका, आंदोलनों और मीसाबंदियों के संघर्षों को चित्रों के माध्यम से जीवंत किया गया। बड़ी संख्या में नागरिकों, विद्यार्थियों एवं युवाओं ने प्रदर्शनी का अवलोकन कर इतिहास को समझने का प्रयास किया।
इस अवसर पर मीसाबंदी श्री द्वारिका जायसवाल एवं श्री कृष्ण कुमार सोनी ने आपातकाल के दौरान अपने अनुभव साझा किए। श्री जायसवाल ने कहा कि आपातकाल के दिन भारतीय लोकतंत्र के लिए अत्यंत पीड़ादायक थे। नागरिक अधिकारों पर रोक लगाई गई और आवाज उठाने वालों को जेल में डाला गया। वहीं श्री सोनी ने जेल में हुए अमानवीय व्यवहार और मीसाबंदियों के साहसिक संघर्ष की बात कही। मुख्य अतिथि विधायक श्री पुन्नूलाल मोहले ने कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय था। उस समय मौलिक अधिकारों और संविधान की खुलेआम अवहेलना की गई। उन्होंने कहा कि 25 जून हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों की महत्ता की याद दिलाता है। मीसाबंदियों का बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है।
जिला पंचायत अध्यक्ष श्री श्रीकांत पांडेय ने कहा कि वर्तमान पीढ़ी को आपातकाल के उस दौर से सीख लेकर लोकतंत्र की मजबूती में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे संविधान और लोकतंत्र की रक्षा हेतु सदैव सजग रहें। कार्यक्रम के दौरान मीसाबंदियों एवं उनके परिवारजनों को शाल व श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया गया। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रभाकर पांडेय ने अंत में सभी अतिथियों और नागरिकों के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्रीमती निष्ठा पांडेय तिवारी एवं श्रीमती मेनका प्रधान, गणमान्य नागरिक श्री दीनानाथ केशरवानी, स्थानीय जनप्रतिनिधिगण, मीडिया प्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।