रायगढ़, मार्च 2022/ अखिल भारतीय मसाला अनुसंधान परियोजना में अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत एक दिवसीय कार्यशाला जिसमें मसाला फसलों पर प्रशिक्षण एवं वर्मी कम्पोस्ट, हल्दी प्रकंद व सूक्ष्म पोषक तत्व का वितरण सारंगढ़ विकास खण्ड के ग्राम मल्दा (अ) के सरपंच श्रीमती मीना लहरे एवं जनपत पंचायत सदस्य श्री संतोष भारद्वाज के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। प्रशिक्षण में सर्वप्रथम अखिल भारतीय मसाला अनुसंधान परियोजना के प्रमुख अन्वेषक व वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अधिष्ठाता डॉ.ए.के.सिंह ने मसाला फसलों की उपयोगिता एवं उनके लाभ-हानि, उन्नत कास्त तकनीक की जानकारी दिये। श्री जी.आर.राठिया सहायक प्राध्यापक (मृदा विज्ञान) ने मसाला फसलों में उर्वरक प्रबंधन, सूक्ष्म पोषक तत्व प्रबंधन एवं जैविक खेती विषय पर जानकारी दी। डॉ.श्रीकांत सावरगांवकर, वैज्ञानिक(अनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन)ने हल्दी के प्रजातियों एवं उत्पादन तकनीक एवं मसाला फसलों की संभावना के विषय में तकनीकी जानकारी दिये। ग्राम मल्दा (अ) और ग्राम मल्दा (ब) दोनों गांवो को मिलाकर कुल 55 कृषकों ने प्रशिक्षण एवं बीज वितरण कार्यक्रम में भाग लिये जिसमें छत्तीसगढ़ हल्दी-01 एवं छत्तीसगढ़ हल्दी-02 के प्रकंद सूक्ष्म पोषक तत्व एवं गोधन न्याय योजना से उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट का 100 क्विंटल, हल्दी प्रकंद 16.5 क्विंटल और सूूक्ष्म पोषक तत्व 50 किलोग्राम का वितरण किया गया। कृषकों को अधिक से अधिक बीजोत्पादन कर मसाला फसलों के रकबे को बढ़ाने के उद्देश्य से यह प्रशिक्षण व तकनीकी ज्ञान दिया गया। जिससे कृषक संबल व लाभान्वित हो सकें। इस कार्यक्रम में डॉ.खुबचंद बघेल पुरस्कार से सम्मानित कृषक श्री विजय यादव भी उपस्थित होकर अपना अनुभव साझा किये। मंच संचालन एवं कार्यक्रम के आयोजन में श्री विक्रम पटेल ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी, सारंगढ़ का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम के अन्त में श्री लोकनाथ मै़त्री, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, सारंगढ़ द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
