छत्तीसगढ़

टी.बी. मुक्त भारत अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए जिले को मिली सराहना जिले की 189 ग्राम पंचायतें हो चुकी हैं टीबी मुक्त,वर्तमान में 591 टीबी मरीजों का ईलाज जारी


बलौदाबाजार, 26 जून 2025/sns/- केंद्र सरकार द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत 7 दिसंबर 2024 से मार्च 2025 तक चले 100 दिवसीय निक्षय निरामय की समीक्षा की गई। इस दौरान देश को पूर्णतः टीबी मुक्त बनाने के लिए आगामी कार्ययोजना पर भी विस्तार से चर्चा हुई। कलेक्टर दीपक सोनी एवं सीएमएचओ डॉ राजेश अवस्थी एनआईसी क़क्ष में वीसी के माध्यम से जुड़े थे। इस अवसर पर भारत सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की एडिशनल सेक्रेटरी श्रीमती आराधना पटनायक ने छत्तीसगढ़ में निक्षय निरामय अभियान के तहत किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में निक्षय निरामय अभियान के तहत केंद्र सरकार द्वारा 19 जिलों का चयन किया गया था लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने एक कदम आगे बढ़कर प्रदेश के सभी जिलों में इस अभियान का विस्तार किया जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि निक्षय निरामय अभियान के पहले चरण में सरकार का फोकस लक्षणयुक्त मरीजों के चिन्हांकन और ईलाज पर था। अगले चरण में बिना लक्षण वाले मरीजों को भी अभियान से जोड़ा जाएगा। एनएचएम की मिशन डायरेक्टऱ डॉ. प्रियंका शुक्ला ने इस अभियान के तहत उत्कृष्ट कार्य करने वाले जिलों को जानकारी दी। जिसमें बलौदाबाज़ार-भाटापारा जिले को भी केंद्र सरकार की सराहना मिली। बैठक में कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि जिले में टीबी उन्मूलन हेतु युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। जिले का स्वास्थ्य अमला लगातार टीबी मरीजों के चिह्नांकन एवं इलाज हेतु समर्पित भाव से कार्य कर रहा है ताकि 2025 में हमारा देश टीबी से पूर्णतः मुक्त हो सके। इस कार्य में जिला प्रशासन को जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों एवं औद्योगिक संस्थानों का भी पर्याप्त सहयोग मिल रहा है। कलेक्टर सोनी ने बताया कि अब तक जिले की 189 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त किया जा चुका है, इनमें पीएम जनमन योजना के तहत आने वाली दो ग्राम पंचायतें भी शामिल हैं। बैठक में सीएमएचओ डॉ. आरके अवस्थी ने बताया कि टीबी की संभावना वाले करीब 3 लाख नागरिकों में से 1 लाख 61 हज़ार की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। उल्लेखनीय है कि ऐसे लोग जो टीबी रोगी के संपर्क में हों या जिन्हें पहले कभी टीबी की बीमारी रही हो, एचआईवी, मधुमेह से पीड़ित 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग, क़ैदी, कुपोषित, उद्योगों व खदानों और कंस्ट्रक्शन साइट्स में काम करने वाले लोग, दुर्गम क्षेत्रों जंगलों इत्यादि में रहने वाली आबादी, पीवीटीजी, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित आबादी टीबी के संभावित मरीजों भी श्रेणीं में आते हैं। स्क्रीनिंग के पश्चात इनमें से 70 हज़ार नागरिकों को टीबी मुक्त भारत अभियान में नोटिफाइड कर लिया गया है। अभियान के तहत 591 मरीज़ों का चिह्नांकन कर उनका उपचार किया जा रहा है। जिसके तहत उन्हें अच्छे पोषण के लिए 1000 रुपये की सहायता राशि और इच्छुक मरीजों को हाई प्रोटीन युक्त आहार वाले फुड बास्केट भी प्रदान किए जा रहे हैं। जिले में 664 निक्षय मित्र हैं। इसके अलावा प्रतिदिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा 25 मरीजों से फीड बैक लिया जाता है। इस दौरान उनकी काउंसलिंग भी की जाती है।

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