छत्तीसगढ़

मृदा परीक्षण से सुधर रही है मिट्टी की सेहत, किसानों में बढ़ रही जागरूकता 4 हजार से ज्यादा मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण


बिलासपुर, 08 अक्टूबर 2025/sns/- जिले के किसान अब खेती के पूर्व मृदा परीक्षण करवाकर मिट्टी की सेहत जांच कर खेती कर रहे हैं। मृदा स्वास्थ्य योजना से किसानों को अपनी मिट्टी की गुणवत्ता और उसकी जरूरतों के बारे में सटीक जानकारी मिलती है। उचित मात्रा में उर्वरकों का उपयोग करने से उत्पादन लागत में कमी आती है और खेती की लागत कम होती है। मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार होता है, जिससे फसल उत्पादकता बढ़ती है। मृदा परीक्षण को लेकर किसान अब जागरूक हो रहे है। रूचिपूर्वक एवं उत्साहित होकर मृदा परीक्षण करवा रहे है। सिफारिश मात्रा अनुसार उर्वरकों को उपयोग कर भूमि की सेहत में सुधार के साथ-साथ अपने उत्पादन में वृद्धि कर रहे है।
सहायक मृदा परीक्षण अधिकारी ने बताया कि मृदा स्वास्थ्य योजना के तहत मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में लक्ष्य आधारित नमूनों के साथ-साथ कृषकों द्वारा स्वयं लाए गए मृदा नमूनों का भी विश्लेषण किया जा रहा है। वर्ष 2025-26 में 10,000 मृदा नमूनों के विभागीय लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 6,800 नमूनों एवं कृषकों द्वारा लाए गए 193 नमूनों का विश्लेषण किया गया है। साथ ही 4,608 मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया जा चुका है। विश्लेषण कार्य सतत रूप से जारी है। मिट्टी परीक्षण की वैधता तीन वर्ष होती है। विगत दो वर्षों की भाँति इस वर्ष भी लगभग 600 कृषक उत्साहपूर्वक मृदा परीक्षण करवा रहे हैं। लक्ष्य आधारित मृदा नमूनों का संग्रहण विकासखण्डों के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में कृषकों के खेतों से किया जाता है। मैदानी कार्यकर्ता इन नमूनों को प्रयोगशाला तक पहुँचाते हैं, जहाँ परीक्षण के पश्चात संबंधित कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया जाता है। विभाग द्वारा प्रदर्शन, प्रशिक्षण एवं जनजागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को मृदा परीक्षण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप कृषकों में जागरूकता एवं रुचि में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे मिट्टी की सेहत सुधारने की दिशा में सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।

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