छत्तीसगढ़

बरसात में बीमारियों से बचाव के लिए जिला प्रशासन हाई अलर्ट

कवर्धा, 24 जुलाई 2025/sns/- बरसात के दिनों में होने वाले संक्रामक डेंगू, मलेरिया, चिकुनगुनिया, फाइलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों के साथ-साथ उल्टी, दस्त, पीलिया, आंत्रशोथ जैसी जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने आज स्वास्थ्य विभाग सहित विभिन्न जिला स्तरीय विभागों की संयुक्त बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान मौसम बीमारियों के प्रसार के लिए अनुकूल है, इसलिए जनहित में सभी विभाग तत्काल कार्य योजना बनाकर अमल सुनिश्चित करें।
कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी विभाग अपने कार्यों को गंभीरता से लें। जनहित से जुड़े इन मामलों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एक सप्ताह के भीतर सभी विभाग अपनी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने यह भी कहा कि बीमारी की रोकथाम में आमजन की भागीदारी भी अत्यंत आवश्यक है। लोग घरों के आसपास जलभराव न होने दें, मच्छरदानी का प्रयोग करें और लक्षण दिखने पर तुरंत स्वास्थ्य केंद्र जाएं। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. देवेंद्र तुर्रे ने बताया कि डेंगू व चिकुनगुनिया मादा एडिस मच्छर के काटने से फैलते हैं, जो दिन में सक्रिय रहती है, वहीं मलेरिया मादा एनाफिलिस मच्छर के माध्यम से फैलता है। यदि मच्छरों को पनपने से रोका जाए, रोगों की प्राथमिक अवस्था में पहचान कर उपचार किया जाए तथा जनजागरूकता के माध्यम से सतत सावधानी बरती जाए, तो इन बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकता है।
कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने विभाग के अधिकारियो की साझा बैठक लेकर विभाग वार अलग अलग दायित्व दिए है तथा दायित्वों के निर्वहन के लिए कार्य योजना भी बनाई गई है। कलेक्टर ने नगर निकाय व पंचायत विभाग को नालियों की सफाई, जलभराव रोकथाम, तालाबों की स्वच्छता, फॉगिंग, लार्वीसाइड का छिड़काव, पेयजल व सीवरेज लाइन की मरम्मत, कचरा संग्रहण, नालों की रुकावटें दूर करने व माइकिंग के माध्यम से जन-जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को सभी सार्वजनिक कुआ,हैण्डपम्प, जल स्रोतों का परीक्षण व क्लोरीनीकरण की जिम्मेदारी कराने एवं शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।मत्स्योद्योग विभाग को गम्बुजिया, गप्पी जैसी लार्वा भक्षी मछलियों की मुफ्त उपलब्धता, संवर्धन, परिवहन व जलस्रोतों में विमुक्तिकरण के लिए प्रयास करने के लिए कहा गया है। स्कूल शिक्षा विभाग को
बच्चों को मौसमी बीमारियों की जानकारी देने, स्कूल परिसर में लार्वा नियंत्रण करने तथा स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर जांच कार्य कराने के निर्देश दिए है। महिला एवं बाल विकास विभाग कोआंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से गर्भवती महिलाओं और बच्चों को मच्छरदानी में सोने के लिए प्रेरित कहा गया है। उद्यानिकी, कृषि व वन विभाग को मच्छर रोधी पौधों का प्रचार-प्रसार, वितरण और शासकीय परिसरों में पौधरोपण करना, साथ ही कीटनाशकों की उपयोगिता पर नियंत्रण के निर्देश दिए है।
शहरी व ग्राम विकास विभाग तथा लोक निर्माण विभाग को निर्माण कार्यों, सड़क निर्माण व सिंचाई व्यवस्था में जलनिकासी की प्रभावी योजना बनाने तथा शासकीय भवनों व स्कूलों में मच्छर रोधी जाली के लिए निर्देश दिए है। आदिवासी विकास विभाग को आश्रम,छात्रावासों में बच्चों को डेंगू-मलेरिया से बचाव की जानकारी देना, साफ-सफाई रखना, स्वास्थ्य परीक्षण कराना तथा पीड़ित बच्चों की तत्काल सूचना देनेंके निर्देश मिले है। परिवहन विभाग को बसों में माइकिंग, पोस्टर व पंपलेट के माध्यम से यात्रियों को बीमारियों से बचाव की जानकारी उपलब्ध कराने निर्देश दिए है। निर्माण एजेंसियां को निर्माण स्थलों में जल जमाव को रोकने, ड्राइवर/कर्मचारियों की नियमित जांच तथा भवनों में मच्छरजाली लगाने के लिए कहा है।समाजसेवी संस्थाओं को जन-जागरूकता अभियानों में सहभागिता के निर्देश दिए है। बैठक में अपर कलेक्टर श्री विनय पोयम, डॉ मोनिका कौडों, श्री नरेंद्र पैकरा, डिप्टी कलेक्टर श्री आरबी देवांगन, सहित समस्त जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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