कोरबा, 16 जुलाई 2025/sns/- आगामी धान खरीदी खरीफ वर्ष 2025-26 के लिए राज्य शासन ने एग्रीस्टेक प्रोजेक्ट के अंतर्गत एग्रीस्टेक पोर्टल में फार्मर आईडी किसान पंजीयन को सभी किसानों के लिए अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत प्रदेश भर के सभी किसानों को एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीकृत किया जाएगा जिससे किसान समर्थन मूल्य पर पारदर्शिता के साथ आसानी से धान विक्रय कर पायेंगे।
जिले में एग्रीस्टेक पोर्टल पर फार्मर आईडी किसान पंजीयन की अंतिम तिथि 30 अगस्त 2025 निर्धारित की गई है। अब तक जिले के कुल 56,801 किसानों ने फॉर्मर आईडी बनवा लिया हैं। जिसमें अजगरबहार तहसील में 1474, तहसील बरपाली में 10555, कोरबा में 2971, करतला में 4108 , भैंसमा में 4151, कटघोरा में 3863, दर्री में 1035, दीपका में 3837, पाली में 9008, हरदीबजार में 5547, पोड़ी उपरोड़ा में 6539 एवं पसान 3713 किसानों ने फार्मर आईडी पंजीयन करा लिया है।
अपंजीकृत किसान पीएम सम्मान निधि से हो सकते है वंचित
फसल बीमा कराने हेतु एग्रीस्टेक पोर्टल में फार्मर आईडी किसान पंजीयन अनिवार्य किया गया है तथा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की आगामी किस्त का हस्तांतरण फार्मर आईडी, किसान कार्ड के आधार पर किये जाने के निर्देश पीएम किसान सम्मान निधी योजना में हैं। जिले के 1,42, 424 किसानों का पंजीयन है, इसमें से अब तक केवल 56801 सहित 39.88 प्रतिशत किसानों ने एग्रीस्टेक पोर्टल में फार्मर आईडी किसान पंजीयन कराया है। किसानों द्वारा पोर्टल में फार्मर आईडी नही बनवाने की स्थिति में पीएम किसान सम्मान निधि योजना के किस्त से वंचित हो सकते हैं।
स्वयं या समिति व सीएससी के माध्यम से करा सकते है पंजीयन
एग्रीस्टेक पोर्टल पर किसान स्वयं पंजीयन कर सकते हैं अथवा अपने क्षेत्र के सहकारी समिति अथवा निकटतम लोक सेवा केन्द्र (सीएससी) में जाकर पंजीयन करा सकते हैं। फॉर्मर आईडी बनवाने के लिए किसान को अपने सभी कृषि भूमि का बी-1, ऋण पुस्तिका, आधार कार्ड और आधार से लिंक मोबाईल नम्बर (जिसमें आधार सत्यापन ओटीपी प्राप्त होती हो) की आवश्यकता होगी।
किसान को मिलेगा 11 अंकों की विशिष्ट पहचान –
पंजीयन पश्चात् किसानों को आधार नंबर के जैसे 11 अंकों की एक यूनिक फॉर्मर आईडी (विशिष्ट किसान आईडी) मिलेगी जिससे किसान डिजिटल रूप से अपनी पहचान प्रमाणित कर सकेंगे। एग्रीस्टेक भारत सरकार द्वारा विकसित एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य भारतीय कृषि क्षेत्र को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना है। यह किसानों के लिए एक व्यापक डेटाबेस बनाने पर केंद्रित है़ जिसमें उनकी पहचान, भूमि रिकॉर्ड , वित्तीय जानकारी, फसल की जानकारी और बीमा इतिहास शामिल है। एग्रीस्टेक पोर्टल में किसानों को प्राथमिक सहकारी समितियों तथा कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से पंजीकरण करने की सुविधा प्रदान करता है। एग्रीस्टेक पोर्टल छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है जो उन्हें डिजिटल रूप से सशक्त बनाने और उनकी आय बढ़ाने में मदद करेगी।
एग्रीस्टेक पोर्टल के माध्यम से किया गया फार्मर आईडी पंजीयन ई-केवाईसी युक्त होता है। जिससे दोहराव की संभावना समाप्त हो जाती है और किसानों की वास्तविक पहचान सुनिश्चित होती है। राज्य शासन द्वारा यह व्यवस्था इसलिए की जा रही है ताकि कृषकों को शासकीय योजनाओं का लाभ पारदर्शी तरीके से मिल सके। इसके लिए राज्य शासन द्वारा एकीकृत किसान पोर्टल विकसित किया गया है। सभी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को निर्देशित किया गया है कि वे एकीकृत किसान पोर्टल के माध्यम से किसानों का नवीन पंजीयन एवं फसल रकबे का संशोधन कार्य प्राथमिकता के आधार पर संपादित करें। जिसमें पंजीयन की प्रक्रिया प्रतिवर्ष 01 जुलाई से 31 अक्टूबर तक संचालित की जाती है। इस वर्ष भी खरीफ मौसम के लिए यह प्रक्रिया निर्धारित अवधि में पूर्ण की जाएगी।