राजनांदगांव, 15 जुलाई 2025/sns/- भारत सरकार के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के माध्यम से कृषि शिक्षा एवं सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से कृषि चौपाल एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। इस श्रृंखला का आठवां भाग का प्रसारण 12 जुलाई 2025 को दोपहर 2 से 3 बजे तक किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न फसलों के समेकित नशीजीव प्रबंधन विषय पर केंद्रीय वैज्ञानिकों द्वारा विस्तृत चर्चा की गई। जिसे देश भर के किसानों ने डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से देखा। इस एपिसोड का उद्देश्य किसानों को आधुनिक, पर्यावरण अनुकूल एवं दीर्घकालिक कीट नियंत्रण उपायों के प्रति जागरूक करना था। कृषि चौपाल कार्यक्रम का प्रसारण कृषि विज्ञान केन्द्र राजनांदगांव में किया गया।
कार्यक्रम की शुरूआत मे केंद्रीय वैज्ञानिकों ने समेकित नशीजीव प्रबंधन की अवधारणा को सरल भाषा मे समझाया। वैज्ञानिकों ने बताया कि यह एक बहुआयामी पद्धति है जिसमें यांत्रिक, सांस्कृतिक, जैविक और रासायनिक नियंत्रण उपायों को मिलाकर उपयोग किया जाता है। जिससे नशीजीव पर प्रभावी नियंत्रण तो होता है। साथ ही पर्यावरण व पारिस्थितिक संतुलन भी बना रहता है। इसका मुख्य उद्देश्य कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग को रोकते हुए फसल की गुणवत्ता एवं किसान की आय को सुरक्षित रखना है। यह न केवल टिकाऊ खेती को बढ़ावा देता है, अपितु मिट्टी और जल को भी प्रदूषित होने से बचाता है। वैज्ञानिकों ने राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली ऐप के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा यह एप विकसित किया गया है। जिसके माध्यम से कीट एवं रोगों का समय पर पहचान, खरपतवार की पहचान फसल नुकसान की रोकथाम, रोग एवं कीट प्रसार की मैपिंग व किसानों मे जागरूकता लाने मे मदद करता है। कार्यक्रम प्रसारण के अंत में कृषि विज्ञान केंद्र राजनांदगांव के प्रक्षेत्र प्रबंधन श्री आशीष गौरव शुक्ला ने रासायनिक दवाओं के उपयोग को कम करने संबंधी जानकारी दी। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कृषक उपस्थित थे।