राजनांदगांव, 18 जून 2025/sns/- आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 21 जून 2025 को 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर ”योग-एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्यÓÓ थीम पर योग संगम कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। योग संगम कार्यक्रम में जिला, जनपद एवं ग्राम पंचायत स्तर पर अधिक से अधिक जनभागीदारी सुनिश्चित करते हुए विभिन्न स्थलों पर एकसमान समय सुबह 7 बजे से सुबह 8 बजे तक पर योगाभ्यास किया जाएगा। योग संगम कार्यक्रम के लिए शासकीय, शैक्षणिक संस्थान, निजी संस्था सहित अन्य को पोर्टल पंजीयन करना अनिवार्य है। योग संगम पंजीयन हेतु वेबसाईट https://yoga.ayush.gov.in/yoga-sangam पर जाना होगा। संगठन संबंधित विवरण की प्रविष्टि करना है। स्थान का चयन करें, जहां योग कार्यक्रम में भाग लेंगे, वह स्थान चुनें। ओटीपी द्वारा सत्यापन करें, मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा, उसे डालकर पुष्टि करें। कार्यक्रम के बाद सभी फोटो, वीडियो और मीडिया कवरेज को सुरक्षित रखें, इन्हें कार्यक्रम के बाद योग संगम पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है। सभी ग्राम पंचायत, शैक्षणिक संस्थान, आंगनबाड़ी केन्द्र, नगरीय निकाय सहित अन्य शासकीय एवं निजी संस्थानों को योग संगम पोर्टल में पंजीयन कराने का आग्रह किया गया है।
छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर योग संगम के साथ हरित योग, योग अनप्लग्ड, योग महाकुम्भ, योग पार्क, योग प्रभाव, योग समावेशी के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। हरित योग अंतर्गत पारंपरिक योगाभ्यास के साथ-साथ पर्यावरण संवर्धन के लिए सामुदायिक गतिविधियों पौधरोपण, बीज वितरण, स्वच्छता अभियान, पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। योग अनप्लग्ड के तहत युवाओं के स्वाभाविक जीवन अंग के रूप में स्थापित करने, युवाओं को योग के प्रति सजग, जागरूक एवं प्रेरित कर उनकी दैनिक दिनचर्या में योग को शामिल करने प्रेरित किया जाएगा। जिसमें युवाओं, छात्र-छात्राओं, एनसीसी-एनसीसी कैडेट्स, स्काउट-गाइड्स, रक्षा बलों की सक्रिय सहभागिता रहेगी। योग महाकुम्भ अंतर्गत 15 से 21 जून तक सप्ताहभर योग आधारित सामूहिक कार्यक्रमों का आयोजन कर जनसामान्य को योग के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को सामुदायिक संपत्ति के रूप में स्थायी व प्रभावकारी बनाने के लिए योग पार्क बनाया जा सकता है। योग प्रभाव के तहत 2015 से 2025 तक के दौरान योग का सामुदायिक स्वास्थ्य पर प्रभाव एवं जनजीवन में योग की स्वीकृति, जागरूकता और अभ्यास की वृद्धि का मूल्यांकन किया जा सकता है। योग समावेश के तहत समावेशी एवं सुगम्य सिद्धांतों के आधार पर विविध वंचित समूहों तक की योग की पहुंच विकसित किया जा सकता है।