छत्तीसगढ़

दुर्ग जिले में शिक्षकों की पोस्टिंग में असंतुलन से प्रभावित हो रहा ग्रामीण अंचल के स्कूलों का परीक्षा परिणाम

युक्तियुक्तकरण से शिक्षा व्यवस्था होगी बेहतर

रायपुर, 31मई 2025/ जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग ने शिक्षा विभाग को प्रेषित अपनी रिपोर्ट में इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि जिले के ग्रामीण अंचलों के शासकीय हाई स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी तथा शहरी क्षेत्रों में शिक्षकों की अधिकता के कारण शैक्षिक व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। यही कारण है कि ग्रामीण अंचल के स्कूलों का परीक्षा परिणाम औसत से भी कम है। शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार के लिए युक्तियुक्तकरण जरूरी है। ग्रामीण अंचल के विद्यालयों में शिक्षकों की आवश्यकता के अनुरूप पदस्थापना करने से बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी और रिजल्ट में सुधार होगा।

जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने रिपोर्ट में उल्लेखित किया है कि विकासखंड धमधा अंतर्गत शासकीय हाई स्कूल मुरमुदा में स्वीकृत 6 पदों के विरुद्ध मात्र 3 व्याख्याता कार्यरत हैं, जबकि कक्षा दसवीं की छात्र संख्या 63 है। शिक्षक अभाव के कारण यहाँ का वार्षिक परीक्षा परिणाम मात्र 47.62 प्रतिशत रहा। इसी प्रकार शासकीय हाई स्कूल सिलितरा और शासकीय हाई स्कूल बिरेझर में भी स्थिति अत्यंत दयनीय है। दोनों विद्यालयों में स्वीकृत 6-6 पदों के विरुद्ध एक भी व्याख्याता पदस्थ नहीं है। क्रमशः 81 एवं 63 छात्रों की दर्ज संख्या वाले इन विद्यालयों में परीक्षा परिणाम क्रमशः 36.59 प्रतिशत एवं 35.00 प्रतिशत ही रहा है।

वहीं दूसरी ओर, शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में छात्रों की अपेक्षा शिक्षकों की संख्या आवश्यकता से कहीं अधिक है। उदाहरणस्वरूप, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला केम्प-1 मिलाई में 225 छात्रों के लिए स्वीकृत 7 पदों के विरुद्ध 17 शिक्षक कार्यरत हैं, जो कि दर्ज संख्या के मान से 10 शिक्षक अधिक हैं। इसी प्रकार नेहरू शासकीय प्राथमिक शाला दुर्ग में 113 छात्रों के लिए स्वीकृत 4 पदों की तुलना में 11 शिक्षक पदस्थ हैं, जो कि 7 शिक्षक अतिरिक्त हैं। जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग ने ग्रामीण विद्यालयों में शिक्षकों की शीघ्र पदस्थापना की आवश्यकता जताई है, ताकि परीक्षा परिणाम में सुधार लाया जा सके और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध हो सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *