स्वतंत्रता के 77 वर्ष बाद पूवर्ती समेत अन्य 4 गाँवों में पहली बार हुआ मतदान
हिड़मा के घर के बगल में बना मतदान केंद्र, ग्रामीणों ने भयमुक्त माहौल में किया मतदानसुकमा फरवरी 2025/sns/ कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव के निर्देशन और एसपी श्री किरण चव्हाण के मार्गदर्शन में सुकमा जिले के कोंटा विकासखंड के सुदूर माओवाद प्रभावित क्षेत्र में चुनाव एवं मतदान कार्य शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराया जा रहा है जिसके कारण सुदूर माओवाद प्रभावित इलाकों में पेंटाचिमली, केरलापेंदा, दुलेड़, सुन्नमगुड़ा और पूवर्ती जैसे सुदूर क्षेत्र के मतदाता निर्भीक होकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। ये सुकमा जिले के ऐसे दूरस्थ माओवाद प्रभावित क्षेत्र हैं जहां आजादी के बाद पहली बार गांव में मतदान किया जा रहा है। सुबह से बड़ी संख्या में ग्रामीण मतदान करने मतदान केंद्र पहुंच रहे हैं। कुख्यात नक्सली कमाण्डर हिड़मा के गाँव पूवर्ती में उसके घर के बगल में ही मतदान केंद्र बनाया गया है। पहले ऐसा समय था कि ग्रामीण हिड़मा के नाम से खौफ़ में आ जाते थे और वोट डालने के लिए अपने घरों से नहीं निकलते थे। आज उसी गाँव के मतदाता पंचायत चुनाव के लिए बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा ले रहे हैं। मतदान केन्द्रों में समुचित व्यवस्था जिला प्रशासन के द्वारा उपलब्ध कराई गई है।
गांव में पहली बार वोट देने युवा मतदाता उत्साहित
कोंटा जनपद के घोर माओवाद प्रभावित ग्राम पूवर्ती में उत्साह और उमंग के साथ महिला, पुरुष, बुजुर्ग एवं नवीन मतदाता मतदान कर रहे हैं। युवा जोगा मड़कामी, डोड्डी लालु, संतोष बोड़के, बड़दरस बोड़के और अन्य मतदाता भी वोट डालने पहुंचे। पूवर्ती निवासी 18 वर्षीय जोगा मड़कामी पहली बार गांव में मतदान करने पहुंचे। उन्होंने उत्साह के साथ मतदान करते हुए कहा कि गांव में मतदान केंद्र खुलने से हम लोग बहुत खुश हैं। हम लोग अपने गांव में ही भयमुक्त माहौल में मतदान कर रहे हैं।
गोद में बच्चे लेकर पहुंची महिलाएं
अपने मताधिकार को लेकर ग्रामीण काफी जागरूक हो चुके हैं। बच्चे को गोद में लेकर पूवर्ती के मतदान केन्द्र में पहुँची श्रीमती मड़कम नंदे ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उहोंने बताया कि गांव में पहली बार मतदान हो रहा है। गाँव के विकास के लिए वोट करना आवश्यक है। पंचायत चुनाव को लेकर हम सब बहुत ख़ुश हैं। इस प्रकार पूवर्ती गांव के ग्रामीण मतदाताओं ने पूरे उमंग और उत्साह के साथ स्थानीय निर्वाचन में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई और अपने जागरूक मतदाता होने का प्रमाण दिया।
माओवाद को समाप्त करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार लगातार प्रयासरत है। बस्तर में माओवाद अब खात्मे की ओर पहुंच चुका है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह के संकल्प के अनुरूप मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सुकमा सहित सम्पूर्ण बस्तर में लोकतंत्र की जीत हो रही है और यह उन ग्रामीणों की जीत है, जिन्होंने भय को त्यागकर लोकतंत्र की स्थापना के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग किया। सुरक्षाबलों की मेहनत, सरकार की दूरदर्शिता और जनता की भागीदारी से यह सकारात्मक बदलाव संभव हुआ है। ग्रामीण भयमुक्त होकर मतदान करने अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं।