सुकमा, सितंबर 2023/ जिले के कोंटा विकासखंड में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, जल संसाधन, वित्तीय समावेश और बुनियादी जैसे कार्यों को बढ़ावा देने और योजना का सुचारू रूप से संचालन हेतु आकांक्षी ब्लॉक फेलो के 1 पद पर वाक् इन इन्टरव्यू 27 सितंबर को आयोजित किया गया है। यह साक्षात्कार प्रातः 10 बजे से जिला पंचायत सुकमा के सभाकक्ष में आयोजित किया जाएगा। यह भर्ती 6 माह के लिए होगी कार्य संतोषप्रद एवं आवश्यकता होने पर शासन के निर्देशानुसार सेवावृद्धि किया जा सकता है।
इच्छुक उम्मीदवारों सुकमा जिले की वेबसाईट डबल्यू डबल्यू डबल्यू डॉट सुकमा डॉट जीओवी डॉट इन पर नियम एवं शर्तों का अवलोकन कर सकते है अथवा अधिक जानकारी जिला पंचायत सुकमा के कार्यालय में उपस्थित होकर भी प्राप्त कर सकते है।
जिला पंचायत सुकमा से प्राप्त सूचना अनुसार आकांक्षी ब्लॉक फेलो के लिए आवेदनकर्ता की आयु 01 जनवरी 2023 को 25 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। आवेदक को हिन्दी, अंग्रेजी बोलना एवं लिखना आना चाहिए। आवेदक को डाटा विश्लेषण एवं प्रस्तुती कौशल होना चाहिए। सोशल मीडिया के उपयोग से परिचित होना चाहिए। परियोजना प्रबंधन के लिए कौशल होना चाहिए। विकास संबंधित संगठन के साथ काम करना एवं इंटर्नशिप का अनुभव होना चाहिए। आवेदनकर्ता को अपने कार्यस्थल में रहकर कार्य संपादन करना अनिवार्य होगा। भर्ती की प्रक्रिया के दौरान होने वाले किसी भी विवाद एवं समस्या का अंतिम निर्णय लेने का अधिकार कलेक्टर सुकमा को होगा।
कोबरा बटालियन के सहयोग से पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन
दुर्ग, सितंबर 2023/ 208 वीं कोबरा वाहिनी की पहल का असर, मवेशियों के इलाज हेतु जिला मुख्यालय से संवेदनशील क्षेत्रों के डब्बामार्का गांव पहुंची पशु चिकित्सकों की टीम, छत्तीसगढ़ राज्य के अंतिम छोर तेलंगाना राज्य की सरहद पर बसे सुकमा जिला अंतर्गत आने वाले सुदूर, दुर्गम अति संवेदनशील क्षेत्र डब्बामार्का तथा कांसाराम एवं अलकनगुड़ा गाँव में कोबरा 208 वीं बटालियन द्वारा जिला प्रशासन एवं पशुधन विकास विभाग को मौसमी बिमारियों से अवगत कराया गया, तत्पश्चात कलेक्टर श्री हरिस.एस के निर्देशन में उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं जिला सुकमा के द्वारा शीघ्रातिशीघ्र कार्यवाही करते हुए, मोबाइल यूनिट टीम पशु चिकित्सालय सुकमा से डॉ.सुमेर सिंह जगत, डॉ.टेकेश्वर कंवर,पशु चिकित्सालय दोरनापाल से श्री प्रवीण बघेल सहायक पशु क्षेत्राधिकारी एवं पशु चिकित्सालय कोंटा से डॉ.सूर्यकांत सोरी के नेतृत्व में 16 सदस्यीय टीम ने डब्बामार्का ग्राम में पहुंचकर लगातार तीन दिनों तक गाँवो मे मौसमी बीमारीयों का टीकाकरण, डिवर्मिंग तथा अस्वस्थ पशुओं का उपचार किया गया तथा पशुपालकों को पशु औषधियों वह मिनरल मिक्सचर का वितरण कर ग्रामवासियों को मौसमी बीमारी से संक्रमित पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखने तथा संक्रमण से रोकथाम हेतु और पशुओं का उपचार, टीकाकरण वह औषधियों से पशुधन को सुरक्षित रखना अति आवश्यक की समझाईश दी गई।
208वीं बटालियन के कमांडेंट ने व्यक्त किया आभार –
श्री जितेंद्र कुमार ओझा कमांडेंट कोबरा 208 वीं बटालियन ने पशुधन विकास विभाग के पशु चिकित्सालय सुकमा, कोन्टा एवं दोरनापाल से पहुंची 16 सदस्यीय पशु चिकित्सकों की टीमों के साथ-साथ जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं जिला सुकमा को अतिशीघ्र कार्यवाही के लिए आभार व्यक्त किया ।
नवजात शिशुओं को नियमित स्तनपान एवं टीकाकरण से होती है बच्चों का भविष्य उज्ज्वल
पारंपरिक बैगाओं और चिकित्सा विशेषज्ञों के मध्य हुई चर्चा
पारम्परिक चिकित्सा के साथ आधुनिक चिकित्सा पद्धति पर दे विशेष ध्यान
सुकमा, सितम्बर 2023/ यूनिसेफ़, मिडिया कलेक्टिंव फॉर चाइल्ड राइट्स सुकमा, जिला स्वास्थ्य विभाग और राजनांदगाव मेडिकल कॉलेज के सयुंक्त तत्वावधान में बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े विषयों पर जिले के विभिन्न ब्लॉक के बैगा, गुनिया, पेरमा एवं सिरहा और चिकित्सा विशेषज्ञों की मौजूदगी में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में नवजात शिशुओं के लिए 1000 दिन तक आवश्यक स्तनपान, 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों का नियमित टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, गर्भवती माताओं का स्वास्थ्य जांच सहित अन्य स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर चर्चा की गई। वहीं सदूर अंचल एवं शहरी क्षेत्र में संचालित कार्यक्रमों के के संबंध में भी चर्चा की गई। कार्यशाला में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि हर हाल में गर्भवती माताओं की नियम पूर्वक उचित देखभाल, आहार एवं जरुरी दवाइयों के साथ ही नियमित स्वास्थ्य जांच और पोषण आहार से सम्बंधित जांच को अवश्य कराएं। वहीं प्रसव पूर्व एवं प्रसव के बाद उचित देखभाल के लिए स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं के उपयोग और उससे होने वाले फायदों की भी जानकारी दी गई।
कार्यशाला में स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देते हुए बताया कि वयस्कों में बीपी-शुगर जैसी बीमारियां आम हो गई हैं। स्तनपान से बच्चों की रोग प्रतिरक्षक क्षमता बढ़ती है। स्तनपान करवाने से माताओं को स्तन कैंसर से बचाव होता है। माहवारी की वजह से एनीमिक होने से बचने के लिए आयरन टेबलेट और अन्य चीजों की जरूरत होती है। मुनगा (सहजन) की पत्तियों का पावडर उपयोग करना चाहिए और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है।
डॉ महेश सांडिया, सीएमएचओ ने कहा कि टीकाकरण करवाने से 12 प्रकार की बीमारियों से बचाव होता है और ऐसी बीमारियों में बैगा, गुनिया, सिरहा, पुजारी और पेरमा के सहयोग से हम ज्यादा से ज्यादा लोगों की स्वास्थ्य की सेवा कर सकेंगे।
यूनिसेफ़ स्टेट आरएमएनसीएच के डॉ अक्षय तिवारी, मीडिया कलेक्टिव फ़ॉर चाइल्ड राइट्स समन्वयक डी श्याम कुमार और लोक प्रशिक्षक( एमसीसीआर) प्रमोद पोटाई ने कहा कि बच्चों के लिए नियमित टीकाकरण उनके भविष्य के बेहतर स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक है तथा इसमें किसी तरह की कोई कोताही न बरतें। बच्चों में 12 गंभीर बीमारियों व उनसे बचाव, गर्भवती महिलाओं, किशोरी बालिकाओं की टीकाकरण की जानकारी दी। समुदाय में सिरहा-गुनिया के प्रभाव का सकारात्मक उपयोग जन जागरूकता लाने में भी किया जा सकता है। जिससे एक छोटी सी सही सलाह से किसी का जीवन भी बचाई जा सकती है। कार्यशाला में स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देते हुए लोगों की जिज्ञासा का समाधान किया गया। वही पारंपरिक ज्ञान का उपयोग करते हुए बेहतर स्वास्थ्य के लिए आधुनिक चिकित्सा पद्धति की ओर भी विशेष ध्यान देने कहा।
इस अवसर पर डीपीएम भास्कर चौधरी, डीआईओ डॉ डीपेश चंद्राकर, बीपीएम शास्वत सिंह, सदस्य धर्मेंद्र सिंह, मनीष सिंह, मोहन ठाकुर सहित बैगा, गुनिया, सिरहा और विभिन्न समाज प्रमुख मौजूद थे।
दूरस्थ वनांचल क्षेत्र के लोगों को मिल रहा हैं बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ
गत 4 साल में 94.70 फीसदी तक हुई संस्थागत से प्रसव
जिला अस्पताल में डायलिसिस करने की सुविधा से मरीजों को मिला रहा लाभ
सुकमा, सितम्बर 2023/ शासन-प्रशासन का प्रयास है हर जरूरतमंद मरीजों को सभी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं नजदीकी स्वास्थय केंद्रों में उपलब्ध हो । जिला प्रशासन द्वारा लगातार अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि की जा रही है ताकि मरीजों को आवश्यक सुविधा प्राप्त हो सके। इस क्रम में स्वास्थ्य केंद्र अब इस जिले के आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर नये कीर्तिमान स्थापित कर रही है। जहां सर्वसुविधायुक्त ऑपरेशन थियेटर, अत्याधुनिक उपकरणों और विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा जटिल ऑपरेशन तथा अन्य उपचार को संवेदनशीलता के साथ सुनिश्चित किया जा रहा है।
कलेक्टर श्री हरिस. एस ने बताया कि पहले 62 उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित था। वही विगत 04 वर्षों में सभी 95 उप स्वास्थ्य केन्द्र सफलतापूर्वक संचालित किये जा रहे हैं। परिणामस्वरूप जिले में पहुँच विहीन दूरस्थ क्षेत्र के ग्रामों में स्वास्थ्य सुविधाओं का संचालन सुनिश्चित हो पायी है।
उन्होंने बताया कि दोरनापाल में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, वर्ष 2021-22 से पहुँच विहीन दूरस्थ क्षेत्र चिन्तलनार एवं गोगुण्डा में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा 25 उप स्वास्थ्य केन्द्रों का भवन निर्माण कार्य पूर्ण कर सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। साथ ही 10 उप स्वास्थ्य केन्द्र वर्तमान में भवन निर्माणाधीन है। शासन के द्वारा जगरगुण्डा में 30 बिस्तर अस्पताल के संचालन की स्वीकृति की गयी हैं। शासन के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र छिंदगढ़ तथा कोन्टा को 50 बिस्तर अस्पताल में उन्नयन करने की घोषणा के परिपालन में उक्त दोनो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भवन निर्माण कार्य प्रगति पर है।
उल्लेखनीय है कि जिले में जिला चिकित्सालय में 50 बिस्तर मातृ एवं शिशु अस्पताल, 04 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र 14 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा 95 उप स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत हुआ ।
गत 4 साल में 94.70 फीसदी हुई संस्थागत से प्रसव – कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. महेश सांडिया ने बताया कि जिला प्रशासन ने जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए 19 स्वास्थ्य केन्द्रों में 05 बिस्तर प्रि-बर्थ वेटिंग हॉल का निर्माण किया गया। इसके साथ ही विभिन्न शिविरों के माध्यम से लोगों को संस्थागत प्रसव हेतु जागरूक किया गया। इसका साकारात्मक परिणाम यह रहा कि जहां वर्ष 2018 में संस्थागत प्रसव उपलब्धि 68.89 प्रतिशत था। वही जिला प्रशासन और हेल्थ विभाग के निरंतर प्रयासों से 25.81 बढ़कर वर्तमान में 94.70 फीसदी हो गयी है।
जिला अस्पताल में डायलिसिस करने की सुविधा से मरीजों को मिला रहा लाभ- सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक जिला अस्पताल सुकमा डॉ. अभय सिंह तोमर बताते हैं कि जिला अस्पताल में डायलिसिस सुविधा उपलब्ध होने से जिले के दूरस्थ क्षेत्र के मरीजों को सबसे ज्यादा सहूलियत हो रही है। यहां पर जिले के अलावा अन्य जिलों से भी जरूरतमंद मरीज आकर लाभान्वित हो रहे हैं। जिला अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध होने के चलते जिले के जरूरतमंद मरीजों को राज्य के दूसरे अस्पतालों में जाकर महंगी उपचार से निजात मिली है और उनकी समय एवं धनराशि दोनों की बचत हो रही है।