ग्रामीण क्षेत्र में बनेगा स्थाई रोजगार सृजन का माध्यम
अम्बिकापुर, सितम्बर 2022/ शहतूती रेशम को बढ़ावा देने के लिए शहतूत रेशम बाड़ी योजना प्रारम्भ किया जा रहा है। योजना के तहत प्रति एकड़ 5 लाख रूपये व्यय करने का प्रावधान है जिसमें 10 प्रतिशत राशि हितग्राही द्वारा वहन की जाएगी तथा शेष 10 प्रतिशत राज्य सरकार एवं 80 प्रतिशत राशि केन्द्रीय रेशम बोर्ड द्वारा की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत रेशम पौधरोपण के द्वारा पहले ही वर्ष में प्रति एकड़ लगभग 40 हजार रुपये की आय प्राप्त जो तीसरे वर्ष से बढ़कर एक लाख 17 हजार प्रति एकड़ तक हो जाएगी। इसके अतिरिक्त राज्य शासन द्वारा धान के एवज में अन्य खेती करने का प्रतिस्थापन अनुदान 10 हजार रुपये प्रति एकड़ अलग से देय होगी। यह योजना से ग्रामीण क्षेत्र में रेशम पालन से स्थाई रोजगार सृजन का माध्यम बन सकता है।
योजना अंतर्गत कृषकों के निजी भूमि में शहतूत पौधरोपण एवं संधारण, रेशम कीटपालन भवन एवं उपकरण, सिचाई सुविधा सृजन एवं रेशम कीटों को रोग मुक्त रखने हेतु निःसंक्रमण औषधि के लिये सहायता हेतु कुल राशि 5 लाख रुपये का प्रावधान रखा गया है। प्रावधानित राशि में 4 लाख 50 हजार रुपये अनुदान है एवं 50 हजार रुपये कृषक ( हितग्राही) का योगदान राशि होगी। अनुदान राशि 4 लाख 50 हजार रुपये में से केंद्रीय रेशम बोर्ड भारत सरकार द्वारा 4 लाख रुपये एवं राज्य शासन द्वारा 50 हजार रुपये अनुदान दिया जायेगा। अनुदान राशि कृषक को उनके द्वारा किये गये कार्य के आधार पर उनके बैंक खाते में प्रदान किया जायेगा।
