छत्तीसगढ़

शिविर में बाल अधिकारों के संबंध में दी गई जानकारी

अम्बिकापुर, सितंबर 2022/ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बिकापुर के अध्यक्ष तथा श्री राकेश बिहारी घोरे व सचिव अमित जिन्दल के निर्देश पर पी.एल.बी. राजकुमार रजक ने विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन शासकीय हाईस्कूल बौरीपारा में किया गया। उन्होंने बताया कि बच्चे किसी भी राष्ट्र का भविष्य है भारतीय संविधान में चौदह वर्ष से कम आयु के बच्चे को किसी कारखाने या खान या खतरनाक काम में न लगाए जाने का प्रावधान है तथा नालसा ( बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं और उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवाएं ) योजना 2015 में बालकों के सर्वोत्तम हित, बाल कल्याण की बात की गई तथा किशोरों को विधिक सेवा के माध्यम से अधिवक्ता दिए जाने का प्रावधान है तथा बच्चों के अधिकारों के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार का प्रावधान है।
पी.एल.वी. रजक ने बताया कि बाल श्रम प्रतिषेध अधिनियम के अनुसार किसी भी बालक से 3 घण्टे से ज्यादा लगातार काम नहीं कराया जा सकता जिसके बाद उसे आधे घन्टे के लिए आराम के लिए समय दिया जायेगा और बालक को एक दिन का साप्ताहिक अवकाश दिया जाना आवश्यक है।

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