धमतरी 07 अप्रैल 2022/ ग्रीष्मकाल में शुद्ध पेयजल की दिक्कत ना हो। ग्रामीण और नगरीय निकाय का अलग- अलग समस्याग्रस्त, औसत और सामान्य क्षेत्र के रूप में वर्गीकरण कर उस आधार पर पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करना होगा। आज प्रदेश के मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने सभी कलेक्टर्स की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक लेकर उक्त निर्देश दिए। कलेक्टर श्री पी.एस.एल्मा ने उक्त निर्देश के परिपालन में बताया कि जिले के ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में पेयजल की दिक्कत ना हो, इसके लिए संबंधित अधिकारियों को सचेत रहकर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। ज़िले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा ज़िला और विकासखंड मुख्यालय में तथा सभी जनपद पंचायत कार्यालयों में पेयजल संकट से निपटने के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित कर लिया गया है। साथ ही जनपद पंचायतों में शिकायत पंजी भी संधारित की गई है। सभी ग्राम पंचायत में क्षेत्र के हैंडपंप संधारित करने वाले मैकेनिक का नाम सूचना पटल पर चस्पा कराया गया है, जिससे कि पेयजल की समस्या हो तो ग्रामीणों को तत्काल संपर्क करने की सुविधा हो। जिले में फिलहाल कुल 40 मैकेनिक हैंडपंप संधारण में लगे हैं। साथ ही लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के द्वारा हैंडपंप संधारण के लिए चार वाहन लगाए गए हैं। हर वाहन में चार मजदूर उपलब्ध है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में ग्रामीण बसाहटों में नलकूप खनन के लिए विभाग को मिले 280 के लक्ष्य के विरुद्ध 218 स्थापित नलकूप सफल है। स्कूलों में 14 के लक्ष्य के विरुद्ध 11, निगम में नौ के विरुद्ध आठ और आंगनबाड़ी में चार में से तीन स्थापित नलकूप सफल रहे।
इसी तरह गर्मियों में बांधों से भी निस्तारी तालाबों को भरा जाता है। गंगरेल बांध में फिलहाल 78% जल भराव है। इससे धमतरी के 110, कुरूद के 271 और ज़िला बालोद के 55 तालाब भरे जायेंगे। नगरी विकासखंड के 72 तालाब सोंढूर से भरे जाएंगे। मगरलोड के 42 तालाबों को गरियाबंद जिले के सिकासार बांध के एलबीसी से भरा जाना है। अभी एक तालाब, आठ लघु तालाबों में पानी भरा जा रहा है। इस तरह कुल 558 निस्तारी तालाबों को बांधों से भरा जाएगा। बताया गया कि नगर निगम धमतरी में जल संकट से निपटने के लिए वार्डों का चिन्हांकन कर लिया गया है। इसमें बांसपारा वार्ड का नाचन एरिया, ब्राह्मण पारा वार्ड का श्रीवास्तव कॉलोनी, विवेकानंद वार्ड का गड्ढापारा सम्मिलित हैं। वर्तमान में इन वॉर्डों में पेयजल व्यवस्था के लिए आठ उच्च स्तरीय पानी टंकी में महानदी के रॉ वॉटर को फिल्टर प्लांट से शुद्ध कर पाईप लाईन के जरिए पानी दिया जा रहा है। इसके अलावा 128 ट्यूबवेल में पॉवर पम्प लगाकर पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। शहर का अंतिम छोर होने की वजह से इन वार्डों के कुछ आंशिक भागों में पेयजल दाब कुछ कम रहता है, इससे निपटने के लिए आवर्द्धन जल प्रदाय योजना के तहत नगरीय प्रशासन और विकास विभाग से 28 करोड़ रूपए की स्वीकृति मिली है। इससे 14.3 एमएलडी के क्षमता वाले फिल्टर प्लांट का अतिरिक्त विस्तार करते हुए 23.3 एमएलडी किया जाना है। इसके अलावा गोकुलपुर, नवागांव, लाल बगीचा, कांटा तालाब पार में तीन उच्च स्तरीय टंकी बनाकर पेयजल उपलब्ध कराने 84 किलोमीटर पाइपलाइन का विस्तार किया जा रहा है।
आज सुबह 11.30 बजे से आहूत वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव श्री जैन ने खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर किए गए धान खरीदी के तहत धान उठाव और एफसीआई में जमा चावल की समीक्षा की। इस मौके पर कलेक्टर ने बताया कि जिले में उपार्जित चार लाख 31 हजार 397 मीट्रिक टन धान का शत्-प्रतिशत उठाव मिलर्स द्वारा कर लिया गया है। इसके अलावा भारतीय खाद्य निगम में एक दिसम्बर से छः अप्रैल तक 115% अर्थात् कुल दो लाख 12 हजार 135 मीट्रिक टन चावल जमा किया जा चुका है। इसमें सामान्य चावल एक लाख 73 हजार 51 मीट्रिक टन तथा फोर्टिफाईड चावल 39 हजार 84 मीट्रिक टन शामिल है।
इसके साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के व्यक्तियों के सर्वेक्षण में नगरपालिक निगम धमतरी को कुल 70 हजार 315 (99.9%) आवेदन मिले हैं। इसी तरह चारों जनपद पंचायतों में इस वर्ग के चार लाख 14 हजार 417 (92%) आवेदन मिले हैं। मुख्य सचिव ने सभी छूटे हुए पात्र लोगों का आवेदन 11 अप्रैल तक लेकर आगे की कार्रवाई करने के निर्देश बैठक में दिए हैं। इस मौके पर मुख्य सचिव ने समय सीमा के बाहर के राजस्व प्रकरणों का शत-प्रतिशत कारण, राजस्व पोर्टल में अंकित करने भी कहा है। गौरतलब है कि गत 31 मार्च को प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राजस्व प्रकरणों के समय सीमा में निराकरण की समीक्षा के लिए ऑनलाइन पोर्टल का शुभारंभ किया। इसमें किए गए ऑनलाईन एंट्री की मुख्य सचिव ने आज समीक्षा की। वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत श्रीमती प्रियंका महोबिया सहित संबंधित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
