रायगढ़, 16 फरवरी 2022/ घरेलू कार्यो तक सीमित रहने वाली ग्रामीण महिलाएं अब गोधन न्याय योजना के लाभ से घर में आर्थिक सहयोगी की भूमिका निभा रही है। वह गोधन न्याय योजना के माध्यम से संचालित विभिन्न गतिविधियों से अच्छी आय अर्जित कर परिवार की जिम्मेदारी उठा रही है। जिससे परिवार के भरण-पोषण के साथ ही उनके जीवन स्तर में बदलाव देखने को मिल रहा है।
विकासखंड खरसिया के ग्राम पंचायत लोढ़ाझर में कान्हा महिला स्व-सहायता समूह का संचालन किया जा रहा है। 2018 में बिहान के अंतर्गत इस समूह का निर्माण किया गया था। समूह द्वारा भविष्य को देखते हुए स्वयं एवं समूह के सदस्यों के आर्थिक सहयोग के लिए एक निश्चित राशि समूह के खाते में डालना प्रारंभ किया था। जिससे उस निश्चित राशि का उपयोग कर समूह की आय के लिए रोजगार संबंधी कुछ कार्य किया जा सके। इसी दौरान छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना का प्रारंभ हुआ। योजना के तहत ग्राम पंचायत लोढ़ाझर में गौठान का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ। कान्हा महिला स्व-सहायता समूह द्वारा कार्य शुरू किया गया। गौठान निर्माण के तहत सीपीटी, वृक्षारोपण, खुदाई आदि कार्य किया गया। समूह के कार्यो के प्रति लगन से प्रभावित होकर उन्हें गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी एवं वर्मी कम्पोस्ट निर्माण की जिम्मेदारी एवं मार्गदर्शन दिया गया। आज कान्हा महिला स्व-सहायता समूह द्वारा वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, केंचुआ उत्पादन एवं सब्जी उत्पादन का कार्य किया जा रहा है। इससे महिलाओं को रोजगार के साथ आर्थिक लाभ मिला है। महिलाएं स्वावलंबन की ओर अग्रसर होते हुए परिवार की जिम्मेदारी में सहयोग करने लगी है। समूह की महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के लिए अन्य समूह को मार्गदर्शन भी प्रदान कर रही है।
कान्हा स्व-सहायता समूह द्वारा वर्मी खाद, केंचुआ तथा सब्जी उत्पाद एवं विक्रय कर अब तक 2 लाख 84 हजार 825 रूपए का लाभ अर्जित कर चुकी है। लाभ अर्जित होने से महिलाओं में गौठान के कार्यो को लेकर उत्साह है एवं महिलाएं अधिक लाभ अर्जित कर समूह को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए भविष्य में वर्मी वाश, जैविक रसायन, गमला निर्माण व अगरबत्ती निर्माण की कार्ययोजना बना रही है।
