बीजापुर 21 जनवरी 2022ः- जिला मुख्यालय बीजापुर के आंगबाड़ी केन्द्र चटटानपारा वार्ड क्रमांक 10 में रोशनी साहु का जन्म के 04 अक्टुबर 2016 को धर्मेन्द्र साहु के यहां हुई थी रोशनी का जन्म रोशनी साहु के माता श्रीमति अन्सु साहु बताती हैं की मुझे गर्भ ठहरने का पत्ता नहीं चला और रोशनी का जन्म के समय वनज 1.5 किलो ग्राम थी जो की गंभीर कुपोषित की श्रेणी में थी रोशनी साहु का आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भवानी पिल्लै द्वारा माता अन्सु साहु को पोषक माता के रूप में दर्ज कर लाभांवित किया गया। भवानी पिल्ले और पर्यवेक्षक श्रीमति संगीता सिंह के द्वारा पोषक माता के घर में गृहभेंट कर पति धमेंन्द्र साहु को समझाया गया कि आपकी बच्ची गंभीर कुपोषित की श्रेणी में है उनके स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती होने के लिए समझाईस दिया गया परंतु पति धर्मेन्द्र साहु द्वारा यह कहकर असमर्थ व्यक्त किया गया की उनके रोज समोसा, भजिया बेचने के लिए ढेला लगया जाता है, वह उनका सहयोग करती है। मै उन्हे 15 दिन के लिए पोषण पुर्नवास केन्द्र नहीें भेज सकता यह कह दिया गया। इस पर भवानी पिल्ले द्वारा 1 सप्ताह तक नियमित गृहभेंट कर परामर्श दिया जाता रहा अंत में धर्मेन्द्र साहु के द्वारा पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती करने हेतु सहमती दी गई और पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती किया गया और 15 दिवस तक पोषण पुर्नवास केन्द्र मे रहने के पश्चात बच्ची रोशनी के वनज में 100 ग्राम की वृद्धि हुआ। पोषण पुर्नवास केन्द्र फीडिंग डेमोटेªशन द्वारा नियमित रूप से परामर्श दिया जाता है कि घर जाने के पश्चात में जिस प्रकार यहां पर 2-2 घंटे पश्चात मे उपरी आहार दिया जाता है उसी प्रकार से आपको स्तनपान के साथ ही साथ उपरी आहार खिलाते रहना है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक द्वारा नियमित रूप से पोषक माता अन्सु साहु को आंगनबाड़ी केन्द्र में मुख्य मंत्री सुपोषण अभियान से लाभांवित किया गया और नियमित रूप से परामर्श दिया जाता रहा कि अपनी आहार में हरी साग-सब्जी का उपयोग किया जाय बच्ची को आंगनबाड़ी केन्द्र में नियमित रूप से चिक्की बिस्कीट गरम भोजन से लाभांवित किया जाता रहा है। इसी का परिणाम रहा की आज वर्तमान में रोशनी साहु का वजन 14.300 ग्राम है जो की स्वस्थ है और कुपोषण की श्रेणी से बाहर आ गई। इस धमेन्द्र साहु द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को शुक्रिया एवं धन्यवाद व्यक्त किया गया उनकी बच्ची शारीरिक रूप से स्वस्थ्य होकर कुपोषण से मुक्त हो गई है।
