उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कबीरधाम जिले की दो ऐतिहासिक उपलब्धियों पर दी बधाई, कहा – जनसहभागिता से असंभव भी संभव
एक ही दिन में दो वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर कबीरधाम ने रचा इतिहास
‘मोर गांव, मोर पानी’ महाअभियान से जल संरक्षण की अनूठी मिसाल
गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ जिले का नाम
कवर्धा, 22 जून 2025। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कबीरधाम जिले में जल संरक्षण को लेकर किए गए ऐतिहासिक कार्यों पर जिलेवासियों, जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों और जिला प्रशासन को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने अंतराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जिले की इस उलब्धियो पर जिले वासियों की सामूहिक प्रयास और जिला प्रशासन की अभिनव पहल की तारीफ की।
उन्होंने कहा कि कबीरधाम ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि जब जनता, प्रशासन और नेतृत्व एकजुट होकर किसी संकल्प को लेकर आगे बढ़ते हैं, तब असंभव प्रतीत होने वाले लक्ष्य भी सहजता से प्राप्त किए जा सकते हैं।
श्री शर्मा ने कहा कि “मोर गांव, मोर पानी” महाअभियान केवल जल संरक्षण का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह सामाजिक चेतना, सामूहिक प्रयास और पर्यावरणीय जिम्मेदारी का एक सशक्त प्रतीक बन गया है। उन्होंने कहा कि यह अभियान न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए अनुकरणीय मॉडल के रूप में उभरा है।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि यह अत्यंत गर्व का विषय है कि कबीरधाम जिले ने केवल 12 घंटे की अवधि में 1 लाख 2 हजार 98 सोख पिट (सोखता गड्ढा) का निर्माण कर और 1 लाख 17 हजार 504 नागरिकों से जल संरक्षण की शपथ दिलाकर दो विश्व कीर्तिमान स्थापित किए। यह उपलब्धि इस बात की साक्षी है कि जब आम जनमानस किसी लक्ष्य को लेकर संगठित होता है, तब वह बड़े से बड़े परिवर्तन की आधारशिला रख सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि ‘मोर गांव, मोर पानी’ महाअभियान ने ग्रामीणों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता को आंदोलन का रूप दे दिया है। यह महाभियान गांव-गांव में जल संरक्षण को लेकर चेतना जगा रहा है और यह भविष्य के लिए जल संकट से निपटने की दिशा में एक ठोस पहल है।
श्री शर्मा ने कहा कि कबीरधाम जिले की यह उपलब्धि पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय है और यह अभियान अन्य जिलों और राज्यों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत साबित होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इसी प्रकार शासन और समाज के सामूहिक प्रयासों से छत्तीसगढ़ राज्य सतत विकास और जनकल्याण के पथ पर और तेज़ी से अग्रसर होगा।
गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के एशिया प्रमुख श्री मनीष विश्नोई ने कवर्धा पहुंचकर पूरे अभियान की समीक्षा की और इसे जनसहभागिता का अद्भुत उदाहरण बताते हुए जिले को दो वर्ल्ड रिकॉर्ड प्रमाण पत्र प्रदान किए।