जगदलपुर / दिसम्बर 2021/ संभागायुक्त श्री जीआर चुरेन्द्र ने संभाग के सभी कलेक्टरों को धान उपार्जन के दौरान जिले के कृषि उपज मंड़ी समितियों को सक्रिय कर प्रभावशील तरीके से धान खरीदी कार्य को संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने उल्लेख किया है कि जिले के बड़े एवं उन्नतशील किसानों के द्वारा प्रति एकड़ 25-28 क्विंटल तक की धान की पैदावार की जाती होगी, लेकिन शासन के द्वारा धान उपार्जन की गाईड लाईन अनुसार प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान की खरीदी धान उपार्जन केन्द्रों में से की जाती है। बड़े एवं उन्न्तशील किसानों द्वारा प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान की ब्र्रिकी उपार्जन केन्द्रों में करने के पश्चात अधिक उपज की धान को अपने गांव को लघु सीमान्त किसान, जो कि प्रति एकड 7-10 क्विंटल धान उपजा पाते हैं, उनकी किसान किताब के माध्यम से ऐसे किसानों को आगे करके धान की ब्र्रिकी करते रहे हैं। इस विषय पर आज तक प्रभावी नियंत्रण व कड़ी कार्यवाही की व्यवस्था नहीं होने के कारण इतने लंबे वर्षों में से शासन की बड़ी आर्थिक क्षति हुई होगी। इसलिए जिले के अन्तर्गत संचालित कृषि उपज मण्डी समितियों को अधिक क्रियाशील करते हुये बड़े उन्नतशील किसानों के द्वारा अधिक मात्रा में उपजाये गये धान एवं ग्रामीण क्षेत्र के हाट बाजारों में कृषि उपज मंडियों के लाईसेसियों, किराना दुकानदारों, खुदरा व्यापारियों, कोचियों आदि के द्वारा जो किसानों के धान की खरीदी की जाती है, उसे कृषि उपज मण्डी समितियों में पहुँचवा कर थोक व्यापारियों, राईस मिलर्स की ओर से बोली लगाकर ब्र्रिकी कराने की प्रभावी व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए।
इसके प्रभावी कियान्वयन के लिए जिले में अपर कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर को नोडल अधिकारी बनाकर उनके नियंत्रण व कुशल नेतृत्व में इस विषय पर विशेष गंभीरता से कार्यवाही करने कहा है। कमिश्नर श्री चुरेन्द्र ने कहा कि बड़े एवं उन्नतशील किसानों के द्वारा उपजाये गये धान के संबंध में प्रत्येक गांव के उपरोक्त किसानों से घर पहुँच सेवा के तहत पटवारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, पंचायत सचिव आदि के माध्यम से व्यक्तिगत संपर्क कर उन्नत किसानों के संबंध में जानकारी विशेष अभियान के तहत एक सप्ताह के भीतर तैयार करवाकर जिले के सभी धान खरीदी केन्द्रों एवं संबंधित कृषि उपज मण्डी समितियों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं साथ ही उपार्जन केन्द्र के प्रभारी अधिकारी, निगरानी समिति व संबंधित गांव के क्षेत्रीय कर्मचारियों को तैयार की गई जानकारी अर्थात किसानों की सूची उपलब्ध कराने कहा है।