छत्तीसगढ़

बाल विवाह मुक्त जिला बनाने बीजादूतीर स्वयं सेवकों का जिला स्तरीय कार्यशाला सामाजिक कुप्रथा को पूर्णतः समाप्त कर एक सकारात्मक वातावरण तैयार किया जाना आवश्यक शिक्षा से ही सामाजिक बुराई को समाप्त किया जा सकता हैचाईल्ड हेल्पाईन 1098 की जानकारीबाल विवाह मुक्त बीजापुर बनाने का लिया संकल्प


बीजापुर जनवरी 2025/sns/कलेक्टर श्री संबित मिश्रा के निर्देशन पर जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रीति खोखर चखियार के मार्गदर्शन में जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा ग्राम पंचायतो में शिविर/आंगनबाडी केन्द्रों के माध्यम एवं स्कूल/कॉलेजों में जागरूकता अभियान कार्यक्रम कर बाल विवाह मुक्त जिला बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों, महिलाओ एवं किशोर-किशोरियों को जागरूक किया जा रहा है। जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए जिले में कार्यरत बीजादूतीर स्वयं सेवकों का एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन जिला पंचायत के प्रथम तल सभाकक्ष में किया गया। इस दौरान बाल विवाह पर जिला महिला एवं महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री लुपेन्द्र महिनाग एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री राहूल कौशिक द्वारा विस्तृत से जानकारी देते हुए बताया गया कि मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 10 मार्च 2024 को बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का शुभारंभ किया गया। उक्त अभियान के प्रभावी रोकथाम के लिए जिले में लगातार जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के बारे में विस्तृत जानकारी बीजादूतीर स्वयं सेवकों को दिया गया जिसमे अधिनियम की जानकारी देते हुए बताया गया कि ऐसा विवाह जिसमें वर की आयु 21 वर्ष से कम और वधु की आयु 18 वर्ष से कम यानी अव्यस्क हो उसे बाल विवाह माना जायेगा।
    बाल विवाह एक सामाजिक कुप्रथा है जिसके सामाजिक, आर्थिक सांस्कृतिक कारण हो सकते है प्रत्येक सामाज प्रमुख, धर्म प्रमुख, स्वयं सेवक को आगे आना होगा ताकि इनके सभी कारणो में विचार विर्मश करके इस समस्या को पूरी तरह समाप्त करना और एक सकारात्मक वातावरण तैयार किया जाना है। इस अवसर पर स्वयं सेवको को यह भी बताया गया कि बाल विवाह बच्चों के उनके अधिकारो और उनके विकास को प्रभावित करता है यह विकास में रूकावट डालने वाली गंभीर समस्या है इसके पूर्ण रोकथाम के लिए समाजिक, कानूनी एवं आर्थिक स्तर पर लोगो को जागरूक करना और कुप्रथा के दुष्परिणामो को समझाना महत्वपूर्ण है ताकि प्रभावी तरीके से रोका जा सके और बच्चो का सर्वागिंण विकास सुनिश्चित किया जा सके इसके साथ यह भी बताया गया कि 18 वर्ष के अधिक आयु का पुरूष 18 वर्ष की कम आयु की महिला से विवाह करता तो उसे 2 वर्ष तक की कठोर कारावास या जुर्माना जो कि 1 लाख तक का हो सकता है या दोनो से दंडित किया जा सकता है इसके अलावा जो भी व्यक्ति बाल विवाह करवाता है या उसकी सहायता करता है तो उसे भी 2 वर्ष की कठोर कारावास या जुर्माना जो कि 1 लाख तक का हो सकता है या दोनो से दंडित किया जा सकता है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास अधिकारी, परियोजना अधिकारी, एकीकृत बाल विकास परियोजना बीजापुर, भैरमगढ़, कुटरू, उसूर, बासागुड़ा, भोपालपटनम एवं समस्त सेक्टर पर्यवेक्षक महिला एवं बाल विकास विभाग है। आने वाले दिनो में ग्राम पंचायत सचिव बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी के रूप में नोटिफाइट होगे इस दौरान समस्त बीजादूतीर स्वयं सेवकों से महिला एवं बाल विकास विभाग मिशन वात्सल्य इकाई द्वारा अपील कर बीजापुर को बाल विवाह मुक्त बनाने में सहयोग देने हेतु आग्रह किया गया एवं शपथ दिलाया गया अव सभी स्वयंसेवको के द्वारा हस्ताक्षर अभियान के सम्मिलित हो शपथ लिया गया।

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