छत्तीसगढ़

युक्तियुक्तकरण पश्चात नियमित लग रही कक्षाएं, बच्चों में दिख रहा उत्साह


रायगढ़, 19 जून 2025/sns/- राज्य शासन द्वारा शालाओं एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की पहल से जिले के सैकड़ों स्कूलों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं। शिक्षक विहीन और एकल शिक्षक शालाओं में अब पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की पदस्थापना की गई है, जिससे न सिर्फ  शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है, बल्कि विद्यार्थियों में भी स्कूल आने को लेकर नया उत्साह देखने को मिल रहा है।
 शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण से जिले के कई वर्षों से उपेक्षित शालाएं अब पुन: शिक्षा के केंद्र बन चुकी हैं। नियमित रूप से लग रही कक्षाओं और विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की उपलब्धता से विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। वहीं विषयों के शिक्षकों की उपलब्धता से अब किसी एक शिक्षक पर अतिरिक्त बोझ भी नहीं रह गया है, जिससे पढ़ाई और अधिक प्रभावी और सुव्यवस्थित हो गई है। यह पहल उन विद्यार्थियों के लिए संजीवनी बनी है, जो अब तक पर्याप्त शिक्षकों के अभाव में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित थे।
 जिसका स्पष्ट उदाहरण धरमजयगढ़ विकासखंड के सुदूर ग्राम-कुम्हीचुंआ के प्राथमिक शाला में देखने को मिल रहा है। यहाँ 105 छात्र अध्ययनरत हैं, लेकिन यह शाला लंबे समय से शिक्षक विहीन था।  जिससे छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही थी और स्कूल का शैक्षणिक वातावरण भी नीरस होता जा रहा था। लेकिन युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया से इस शाला को अब चार नए शिक्षक प्राप्त हो चुके हैं। इससे न केवल कक्षा 1 से 5 तक की पढ़ाई फिर से पटरी पर लौट आई है, बल्कि बच्चों के भविष्य की दिशा भी अब उज्ज्वल दिखाई दे रही है। पदस्थ शिक्षकों द्वारा नियमित कक्षाएं ली जा रही है। जिससे बच्चों में पढ़ाई को लेकर रुचि और अनुशासन बढ़ा है। बच्चों की उपस्थिति में वृद्धि देखने को मिल रही है।

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