छत्तीसगढ़

जिला पंचायत सीईओ ने किया तिलई, रसेड़ा, अमरताल गौठान का निरीक्षण

— मवेशियों को गौठान में पहुंचाने के दिए निर्देश कहा सड़कों पर दिखे तो होगी कार्यवाही
जांजगीर चांपा। जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. ज्योति पटेल ने गुरूवार को अकलतरा विकासखण्ड की ग्राम पंचायत तिलई, रसेड़ा एवं अमरताल गौठान का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने गौठान में व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि मवेशियों को गौठान में ही पहुंचाए, इसके बाद भी अगर गौठान की बजाय सड़कों पर मवेशी नजर आते हैं तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
जिपं सीईओ ने गौठान का निरीक्षण करते हुए कहा कि राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी है। इसके तहत ही जिले में गौठानों का निर्माण किया गया है, जिसका संचालन गौठान समिति के द्वारा किया जा रहा है। इस दौरान मवेशियों को निर्धारित समय पर लाने ले जाने के लिए चरवाहे की व्यवस्था की गई है। चरवाहे के साथ ही सभी ग्रामीणों, पशुपालकों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने मवेशियों को गौठान में ही पहुंचाए। उन्होंने सचिव, गौठान नोडल अधिकारी सहित गौठान समिति के सदस्यों से चर्चा करते हुए कहा कि गोधन न्याय योजना के माध्मय से गौठान में गोबर की खरीदी की जा रही है। उन्होंने तिलई, रसेड़ा, और अमरताल गौठान में नियमित रूप से गोबर की खरीदी किये जाने के निर्देश देते हुए स्व सहायता समूह के माध्यम से वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने और उसे सोसायटी के माध्यम से खरीफ फसल के लिए किसानों को उपलब्ध कराने कहा। निरीक्षण के दौरान नवपदस्थ जनपद पंचायत सीईओ श्री हिमांशु गुप्ता सहित अधिकारी, कर्मचारी एवं समूह की महिलाओं सहित सरपंच, सचिव मौजूद रहे।
गौठान से हो रही है आमदनी
गौठानों को मल्टी एक्टिविटी सेंटर की तरह विकसित किया जा रहा है। अमरताल, तिलई एवं रसेड़ा में वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के अलावा सब्जी बाड़ी, मुर्गीपालन, मशरूम उत्पादन के कार्य किये जा रहे है। स्व सहायता समूह की महिलाएं गौठानों से आजीविका प्राप्त करते हुए आर्थिक रूप से मजबूत बन रही हैं। उन्होंने इस दौरान अधिकारियों से महिलाओं को नियमित रूप से तकनीकी प्रशिक्षण दिये जाने के निर्देश दिए। जनपद पंचायत अकलतरा के पांच गांव जिसमें तिलई, रसेड़ा, अमरताल, खिसोरा एवं मुरलीडीह में गौण खनिज की राशि से पशु शेड बनाया गया है। जिसका मूल उद्देश्य नेशनल हाइवे पर जमा आवारा मवेशियों को गौठान में पहुंचाना है। इससे सड़क पर बैठे हुए, विचरण करते हुए मवेशियों के साथ ही वाहन चालकों को दुर्घटना से बचाया जा सकेगा। तिलई गौठान में मवेशियों को पहुंचाने के लिए चार चरवाहों की व्यवस्था भी की गई है। राज्य शासन के निर्देशानुसार रोका-छेका के माध्यम से मवेशियों को गौठान में पहुंचाने का सतत रूप से कार्य किया जा रहा है। जिपं सीईओ ने गौठान में पशुओं की नियमित रूप से देखभाल, स्वास्थ्य परीक्षण, टीकारण करने के लिए विटनरी विभाग को निर्देश दिए।

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