छत्तीसगढ़

संभागस्तरीय बैठक में लिया गया निर्णय, हर बारीकी पर हुई गहन चर्चा

दुर्ग , नवंबर 2021/आज कलेक्ट्रेट सभागृह में खरीफ वर्ष 2021-22 में धान उपार्जन एवं कस्टम मिलिंग हेतु संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग द्वारा किया गया। समीक्षा बैठक की अध्यक्षता श्री टोपेश्वर वर्मा सचिव, खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम एवं उपभोक्ता सरंक्षण द्वारा की गई। उन्होंने बताया कि दुर्ग संभाग सहित पूरे प्रदेश में आगामी 01 दिसंबर से धान खरीदी केंद्रों के माध्यम से 2021-22 के लिए समर्थन मूल्य पर प्रारंभ हो जाएगी। राज्य शासन द्वारा किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से अतिरिक्त अनुदान राशि दी गई है। जिससे धान बेचने वाले किसानों की संख्या और धान की मात्रा में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने धान खरीदी की शुरूआत से धान की गुणवत्ता, बारदाने की व्यवस्था, स्टेकिंग, रख-रखाव, सुरक्षा, उठाव और गुणवत्ता आदि पर विशेष रूप से ध्यान रखने को कहा। उन्होंने पिछले वर्षाे की कमियों, कठिनाइयों और व्यवहारिक दिक्कतों पर चर्चा करते हुए उनका समाधान करने के निर्देश दिए।बैठक में धान खरीदी के साथ-साथ समितियों की व्यवस्थाओं, धान के रख-रखाव, ट्रांसर्पाेटेशन, अधिकारियों और कर्मचारियों का प्रशिक्षण, कस्टम मिलिंग आदि महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
लघु एवं सीमांत किसानों को टोकन देने में प्राथमिकता- लघु एवं सीमांत किसानों को टोकन के लिए प्राथमिकता दी जाएगी और पारदर्शी व्यवस्था भी बनाई जाएगी। उपार्जन केंद्र में अग्रिम टोकन जारी करने की व्यवस्था भी की जाएगी। एक ही ग्राम के कृषकों को एक ही दिन में एक साथ टोकन देने की व्यवस्था की जाएगी ताकि किसानों को सुविधा हो।
बारदाने की व्यवस्था के लिए विभिन्न स्तर पर योजना का किया जाएगा क्रियान्वन- बारदाने की व्यवस्था के लिए समिति स्तर पर प्लानिंग और जिलों में बारदाना सुपरवाइजर नियुक्त किए जाएंगे। पीडीएस और मिलर्स से भी बारदानों की व्यवस्था की जाएगी। उपार्जन केंद्र में एक कर्मचारी को बारदाना सुपरवाइजर के रूप में कार्य सौंपा जाएगा ताकि बारदानों के समुचित हिसाब हो सके।
सीमावर्ती जिलों में धान के अवैध परिवहन रोकने विशेष निगरानी की जाएगी- सचिव खाद्य श्री टोपेश्वर वर्मा ने कहा कि दुर्ग संभाग में राजनांदगांव, महाराष्ट्र और कबीरधाम मध्य प्रदेश राज्य से अपनी सीमा साझा करता है और दुर्ग, बालोद और बेमेतरा भी अन्य जिलों के साथ अपनी सीमा साझा करते हैं । सीमा पार से धान आने की आशंका को देखते हुए यह जरूरी है कि इन क्षेत्रों की विशेष निगरानी रखी जाए, जिससे धान के अवैध परिवहन को रोका जा सकें तथा उनकी धर-पकड़ की जा सकें। दुर्ग के सीमावर्ती इलाकों की निगरानी के लिए चेक पोस्ट और पुलिस का भी सहयोग लिया जाएगा। शुरुआती स्तर में ही इस पर नकेल कसने के लिए ज्यादा से ज्यादा कार्रवाई की जाएगी।
संग्रहण केंद्र की तैयारी- विगत वर्ष की तुलना में दुर्ग जिले में धान उपार्जन में 57 हजार 436 टन की वृद्धि का अनुमानित आकलन किया गया है। विगत वर्ष की तुलना में 11 हजार 123 अतिरिक्त किसानों ने पंजीयन कराया है। इसलिए इस वर्ष अतिरिक्त भंडारण क्षमता विकसित करने की आवश्यकता है। संग्रहण केंद्र हेतु भूमि के चयन, स्टेक और कैप कव्हर संबंधित व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। संग्रहण के लिए समतल भूमि और चारों और फेंसिंग की व्यवस्था कराई जाएगी। तैयार स्टेक पर दीमक नाशक दवा का छिड़काव किया जाएगा और नीचे सीमेंट की खाली बोरी में भूसा भरकर 2 लेयर बनाई जाएगी। वर्षा की स्थिति में स्टेक को ढकने के लिए कैप कव्हर की व्यवस्था भी की जाएगी।
समितियों में किसानों के नाम की सूची प्रदर्शित करने के निर्देश- समितियों में किसान पंजीयन, नाम और उनके रकबे की जानकारी समितियों में प्रदर्शित करने के निर्देश दिए। उपार्जन केंद्रों में शार्टेज की स्थिति की समीक्षा की गई। जीरो शार्टेज का लक्ष्य बनाकर धान खरीदी करने कहा गया। खरीदी केंद्रों में बारिश से बचाव की तैयारी करने, पानी भरने की समस्या हो तो जल निकासी की व्यवस्था, पेयजल, गेट, अग्निशमन, प्राथमिक उपचार आदि सभी तैयारी नवंबर के पूर्व करने कहा गया। नोडल अधिकारियों का प्रशिक्षण समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।
धान खरीदी के समय एफएक्यू का सख्ती से पालन करें- मार्कफेड की एमडी श्रीमती किरण कौशल ने कहा कि धान खरीदी के समय से ही एफएक्यू का सख्ती से पालन करना होगा। धान की वैरायटी के अनुसार उनकी स्टेकिंग की जाए। इस बात पर विशेष रूप से ध्यान रखा जाए कि पुराना धान नए धान के साथ मिक्स नहीं हो। धान का उठाव, परिवहन और एफसीआई और नान को देने का कार्य भी शीघ्र शुरू किया जाए।
अरवा मिलिंग को बढ़ावा दें- सचिव खाद्य श्री टोपेश्वर वर्मा ने कहा कि भारत सरकार द्वारा इस वर्ष छत्तीसगढ़ से 45 लाख मीट्रिक टन अरवा चावल लेने की सहमति दी गई है। इसलिए जरूरी है कि छत्तीसगढ़ में अरवा मिलिंग को बढ़ावा दिया जाए और अरवा चावल मिलिंग के लिए मिलर्स का पंजीयन करवाएं।
इस अवसर पर कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने उपस्थित सभी अधिकारी एवं कर्मचारी संघ को संबोधित करते हुए कहा कि यह कार्य राज्य शासन द्वारा संचालित महत्वपूर्ण कार्यक्रम में एक है और किसानों के हित से जुड़ा हुआ है। इसलिए आवश्यक है कि हम युद्ध स्तर पर कार्य कर कर इस प्रक्रिया को सफल बनाएं।साथ ही बैठक में विभिन्न जिलों के कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा कलेक्टर कबीरधाम, श्री तारण प्रकाश सिन्हा, कलेक्टर राजनांदगांव, श्री जनमेजय महोबे कलेक्टर बालोद और श्री विलास भोसकर संदीपान कलेक्टर बेमेतरा ने अपने-अपने विचार रखें।

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