छत्तीसगढ़

प्रमाणित बीज उत्पादन एक लाभकारी व्यवसाय पंजीयन की अंतिम तिथि 31 अगस्त से बढ़ाकर 15 सितंबर


धमतरी, 03 सितंबर 2025/sns/- छत्तीसगढ़ शासन का उपक्रम छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम द्वारा प्रतिवर्ष खरीफ मौसम में किसानों को प्रमाणित बीज उत्पादन कार्यक्रम से जुड़ने का अवसर दिया जाता है। इस कार्यक्रम से जुड़ने पर किसान सामान्य खेती की तुलना में प्रति एकड़ अधिक लाभ अर्जित कर सकते हैं।
प्रमाणित बीज के उपयोग से पारंपरिक बीजों की तुलना में 10 से 15 प्रतिशत तक अधिक उत्पादन प्राप्त होता है। इसी कारण कृषि विभाग द्वारा किसानों को प्रमाणित बीज के उपयोग हेतु प्रोत्साहित किया जाता है। किसानों की आवश्यकता अनुसार विभिन्न किस्मों का प्रमाणित बीज उपलब्ध कराने के लिए बीज निगम यह कार्यक्रम संचालित करता है।
पंजीयन की प्रक्रिया
’जिन किसानों के पास 2.5 एकड़ या उससे अधिक कृषि भूमि है, वे छत्तीसगढ़ राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था में मामूली शुल्क देकर पंजीयन करा सकते हैं। इसके लिए संबंधित जिले के बीज प्रसंस्करण केंद्र से संपर्क करना आवश्यक है। बीज उत्पादन की पूरी तकनीकी जानकारी बीज प्रमाणीकरण अधिकारी प्रदान करते हैं।
फसल कटाई के बाद किसान अपना उत्पाद बीज प्रसंस्करण केंद्र में जमा करते हैं, जहाँ उन्हें एक सप्ताह के भीतर कुल मूल्य का लगभग 60 प्रतिशत अग्रिम राशि मिल जाती है। शेष 40 प्रतिशत राशि बीज परीक्षण की प्रक्रिया पूर्ण होने पर लगभग दो माह में दे दी जाती है।
किसानों को मिलने वाला लाभ
पिछले खरीफ वर्ष में धान बीज उत्पादन हेतु किसानों को आकर्षक दरें प्राप्त हुई थीं। मोटा धान 3,043 $ 800 (बोनस) = 3,843 रुपये प्रति क्विंटल, पतला धान 3,211 $ 800 (बोनस) = 4,011 रुपये प्रति क्विंटल तथा सुगंधित धान 3,644 $ 800 (बोनस) = 4,444 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा गया था।
तुलनात्मक रूप से शासन की धान खरीदी दर 3,100 रुपये प्रति क्विंटल थी। इस प्रकार, बीज उत्पादन कार्यक्रम से जुड़े किसानों को मोटे धान पर 743 रुपये प्रति क्विंटल अर्थात लगभग 15,600 रुपये प्रति एकड़ और एक हेक्टेयर में लगभग 40,000 रुपये तक अतिरिक्त लाभ मिला।
यद्यपि अंतिम 40 प्रतिशत भुगतान में लगभग 2 से 2.5 माह का समय लगता है, फिर भी किसानों को अन्य विकल्पों की तुलना में कहीं अधिक लाभ प्राप्त होने के कारण यह कार्यक्रम अत्यंत लोकप्रिय हो रहा है।
अंतिम तिथि अब 15 सितंबर
पूर्व में पंजीयन की अंतिम तिथि 31 अगस्त निर्धारित थी, जिसे बढ़ाकर अब 15 सितंबर कर दिया गया है। इच्छुक किसान इस अवधि में अपने जिले के बीज प्रसंस्करण केंद्र से संपर्क कर पंजीयन करा सकते हैं।

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