कवर्धा, 07 अगस्त 2025/sns/- राष्ट्रीय वॉयरल हेपेटाईटिस नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत प्रति वर्ष 28 जुलाई को मनाया जाता है। इस वर्ष हेपेटाईटिस के प्रति जन जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 28 जुलाई 2025 को विश्व हेपेटाईटिस दिवस का आयोजन किया गया। इसके लिए भारत सरकार द्वारा थीम हेपेटाइटिस विषयः आइए इसे समझें (ज्ीमउम भ्मचंजपजपेरू स्मज े ठतमां प्ज क्वूद) दिया गया। इस दिवस में स्वास्थ्य संस्थाआें में हेपेटाईटिस के रोकथाम एवं संक्रमण के सम्बन्ध में जन जागरूकता रैली एवं प्रचार-प्रसार के माध्यम से आम जनों एवं मरीजों को जागरूक किया गया। राष्ट्रीय वॉयरल हेपेटाईटिस नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में हेपेटाइटिस की जांच, परीक्षण, इलाज एवं टीकाकरण सभी शासकीय जिला अस्पतालों में निःशुल्क उपलब्ध है।
हेपेटाइटिस के लक्षण
हेपेटाइटिस ‘‘बी‘‘ बुखार पर चकते आना, भूख कम लगना, थकान, अवसाद, गठिया, जोडो में दर्द होना। हेपेटाइटिस ‘‘सी‘‘ थकान, अनिद्रा, पैरो में सूजन, त्वचा में खुजली, गहरे रंग का पेषाब होना है।
क्या करें हेपेटाइटिस ‘‘ऐ‘‘ एवं ‘‘ई‘‘
फल एवं सब्जियों को अच्छी तरह धोकर उपयोग करें। हाथो को साफ पानी व साबुन से अच्छी से अच्छी तरह धोएं। खाद्य-पदार्थो को अच्छी तरह पकाकर खाएं साथ ही स्वच्छ जल का प्रयोग करें एवं पानी उबाल कर पीएं।
हेपेटाइटिस ‘‘बी‘‘ एवं ‘‘सी‘‘
रक्त तथा रक्त उत्पाद पंजीकृत ब्लड बैंक से ही लिए जाए। इंजेक्षन तथा रेजर ब्लेड को एक बार ही उपयोग में लाएं। 0-1 वर्ष के बच्चे को हेपेटाइटिस ‘‘बी‘‘ का टीका अवष्यक लगवाएं। नवजात को हेपेटाइटिस संक्रमण से बचाने के लिए सभी गर्भवती महिलाओं को हेपेटाइटिस बी की जांच करवानी चाहिए।
हेपेटाइटिस ‘‘बी‘‘
धनात्मक माता से जन्म लिए नवजात षिषु को हेपेटाइटिस ‘‘बी‘‘ इम्युन ग्लोब्युलिन (एचबीआईजी) दिया जाना चाहिए।
कैसे बचे – हेपेटाइटिस ‘‘ऐ‘‘ एवं ‘‘ई‘‘
दूषित भोजन एवं पानी के सेवन से तथा स्ट्रीट फूड खाने से बचें। गंदे एवं सड़े गले सब्जियों एवं फलों का सेवन न करें। खुलेमें शौच न जाएं।
हेपेटाइटिस ‘‘बी‘‘ एवं ‘‘सी‘‘
असुरक्षित/संक्रमित रक्त के संपर्क में आने से बचें। व्यक्तिगत उपयोग के वस्तुओं को साझा न करें। घाव को सावधानी से ढ़के। संक्रमित इंजेक्षन से नषे का सेवन न करें। संक्रमित गर्भवती महिला से षिषु को बचाव हेतु प्रसव 24 घंटे के भीतर टीकाकरण करवाएं। असुरक्षित यौन संबंध से बचें।