छत्तीसगढ़

विश्व हेपेटाईटिस दिवस के अवसर पर जिले के सभी विकासखण्डों में जन जागरूकता कार्यक्रम हुए आयोजित

अम्बिकापुर, 28 जुलाई 2025/sns/-  विश्व हेपेटाईटिस दिवस 28 जुलाई 2025 के अवसर पर जिले में सभी विकासखण्डों में जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में इस वर्ष हेपेटाइटिस बी के 47560 एवं  हेपेटाइटिस सी के 42930 लोगों का जांच किया गया। जिसमें से हेपेटाइटिस बी के 169 पॉजिटिव, हेपेटाइटिस सी के 122 पॉजिटिव लोगों का इलाज किया गया। इस वर्ष स्वास्थ्य कर्मचारियों को हेपेटाइटिस के 186 टीके लगाए गए हैं। वहीं हेपेटाइटिस से ग्रसित 11 गर्भवती माताओं का इलाज किया गया।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पी.एस.मार्को ने बताया कि प्रतिवर्ष 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को लिवर से जुड़ी इस खतरनाक बीमारी के बारे में जागरूक करना है।  हेपेटाइटिस साइलेंट किलर की तरह काम करता है जो अक्सर बिना लक्षण शरीर के भीतर गंभीर नुकसान पहुंचा देता है। नोडल अधिकारी डॉ शैलेन्द्र गुप्ता ने बताया कि इस वर्ष विश्व हेपेटाइटिस दिवस का थीम  ‘Hepatitis Let’s Break It Down’  है। इसका उद्देश्य हेपेटाइटिस से जुड़े भ्रम और रुकावटों को तोड़ना है, ताकि सभी को ईलाज, टेस्ट और टीकाकरण तक आसानी से पहुंच मिल सके। उन्होंने बताया कि मुख्यतः हेपेटाइटिस 05 प्रकार के होते है, हेपेटाइटिस ए दूषित भोजन या पानी से फैलता है, हेपेटाइटिस बी  संक्रमित खून एवं शरीर के अन्य तरल पदार्थों (जैसे असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सुइयों का उपयोग) से फैलता है, हेपेटाइटिस सी मुख्य रूप से संक्रमित खून के संपर्क में आने से फैलता है (जैसे संक्रमित सुइयों या रक्त चढ़ाने से), हेपेटाइटिस डी यह केवल उन्हीं लोगों को होता है जिन्हें पहले से हेपेटाइटिस बी है, हेपेटाइटिस ई दूषित पानी या भोजन से फैलता है। हेपेटाइटिस के शुरुआती लक्षण हल्के हो सकते हैं या बिलकुल भी दिखाई नहीं देते जिसकी वजह से इसे साइलेंट किलर कहते हैं. इसके सामान्य लक्षण जैसे थकान, जी मिचलाना और उल्टी, पेट दर्द (खासकर ऊपरी दाहिने हिस्से में), भूख न लगना, हल्का बुखार, पेशाब का रंग गहरा होना, आंखों और त्वचा का पीला पड़ना (पीलिया), जोड़ों में दर्द, मिट्टी के रंग का मल। उन्होंनें बताया कि हेपेटाइटिस के कई प्रकारों का इलाज संभव है. हेपेटाइटिस ए और ई अक्सर अपने आप ठीक हो जाते हैं. हेपेटाइटिस बी और सी के लिए प्रभावी दवाएं उपलब्ध हैं जो बीमारी को नियंत्रित कर सकती हैं और कुछ मामलों में पूरी तरह ठीक कर सकती हैं।
सिविल सर्जन डॉ. जे.के.रेलवानी ने बताया कि हेपेटाइटिस से बचाव संभव है, आमजनों को इसकी जानकारी होना जरूरी है। हेपेटाइटिस ए और बी के लिए टीके समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क उपलब्ध हैं। डीपीएम डॉ. पुष्पेन्द्र राम ने बताया कि हेपेटाइटिस का  सीधा असर लिवर पर होता है। आमजनों को ऐसे संक्रमण से बचने के लिए इसके लक्षण, बचाव के सम्बन्ध में जागरूक होना आवश्यक है।

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