राजनांदगांव, 16 जुलाई 2025/sns/- राज्य शासन द्वारा धान खरीदी खरीफ 2025-26 के लिए एग्री स्टेक प्रोजेक्ट अंतर्गत एग्री स्टेक पोर्टल में किसान पंजीयन को सभी किसानों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। इसके तहत जिले के सभी किसानों को एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीकृत किया जाएगा, जिससे समर्थन मूल्य पर धान विक्रय पारदर्शिता के साथ आसानी से कर पायेंगे। एग्री स्टेक पोर्टल पर फार्मर आईडी किसान पंजीयन की अंतिम तिथि 30 अगस्त 2025 निर्धारित की गई है। पोर्टल में पंजीयन, फसल बीमा कराने हेतु एवं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की आगामी किश्त प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। जिले में 145870 किसान है, जिनमें से अब तक केवल 112033 (77 प्रतिशत) किसानों ने एग्री स्टेक पोर्टल में पंजीयन कराया है। शेष कृषकों को भी निर्धारित समय-सीमा 30 अगस्त 2025 तक एग्री स्टेक पोर्टल में पंजीयन कराना अनिवार्य है। अन्यथा फसल बीमा, पीएम किसान सम्मान निधि एवं धान विक्रय का लाभ कृषकों को प्राप्त नहीं होगा। एग्री स्टेक पोर्टल पर किसान स्वयं पंजीयन कर सकते हैं अथवा अपने क्षेत्र के सहकारी समिति अथवा निकटतम लोक सेवा केन्द्र (क) में जाकर पंजीयन करा सकते हैं। फार्मर आईडी बनवाने के लिए किसान को अपने सभी कृषि भूमि का बी-1 पुस्तिका आधार कार्ड और आधार में लिंक मोबाईल नम्बर (जिसमें आधार सत्यापन ओटीपी प्राप्त होगा) की आवश्यकता होगी।
किसान को मिलेगा 11 अंकों की विशिष्ट पहचान आईडी
पंजीयन पश्चात किसानों को आधार के जैसे 11 अंकों की एक यूनिट फार्मर आईडी मिलेगी। जिससे किसान डिजिटल रूप में अपनी पहचान प्रमाणित कर सकेंगे। एग्री स्टेक भारत सरकार द्वारा एक डिजीटल प्लेटफार्म है। जिसका उद्देश्य भारतीय कृषि को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना है। यह किसानों के लिए व्यापक डाटाबेस बनाने पर केन्द्रित है, जिसमें उनकी पहचान, भूमि रिकार्ड, वित्तीय जानकारी, फसल की जानकारी और बीमा इतिहास शामिल है। एग्रीस्टेक पोर्टल किसानों को प्राथमिक सहकारी समितियों तथा लोक सेवा केन्द्र के माध्यम पंजीकरण करने की सुविधा प्रदान करता है। एग्रीस्टेक पोर्टल, छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो उन्हें डिजिटल रूप से सशक्त बनाने और उनकी आय बढ़ाने में मदद करेगी। एग्रीस्टेक पोर्टल के माध्यम से किया गया फार्मर आईडी पंजीयन ई-केवाईसी युक्त होता है, जिससे दोहराव की संभावना समाप्त हो जाती है और किसानों की पहचान सुनिश्चित होती है।
राज्य शासन द्वारा यह व्यवस्था किसानों को शासकीय योजनाओं का लाभ पारदर्शी तरीके से दिलाने के लिए की जा रही है। इसके लिए राज्य शासन द्वारा एकीकृत किसान पोर्टल विकसित किया गया है, सभी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को निर्देशित किया गया है कि वे एकीकृत किसान पोर्टल के माध्यम से किसानों का नवीन पंजीयन एवं फसल रकबे का संशोधन कार्य प्राथमिकता से करें। जिसमें पंजीयन की प्रक्रिया प्रतिवर्ष 1 जुलाई से 31 अक्टूबर तक संचालित की जाती है। इस वर्ष भी खरीफ मौसम के लिए यह प्रक्रिया निर्धारित अवधि में पूर्ण की जाएगी। उल्लेखनीय है कि इस बार पंजीयन के लिए कृषि विभाग, खाद्य विभाग और राजस्व विभाग के बीच इंटर-डिपार्टमेंटल समन्वय को सुदृढ़ किया गया है। खाद्य विभाग द्वारा धान खरीदी पोर्टल पर किसानों का डाटा एग्रीस्टेक फार्मर रजिस्ट्री से एपीआई के माध्यम से लिया जाएगा, जो पूरी तरह से ईकेवाईसी आधारित होगा। इसके साथ ही राजस्व विभाग में संधारित भुईयां पोर्टल में दर्ज किसानों की भूमि की जानकारी और गिरदावरी रिकॉर्ड को भी आधार सीडिंग के माध्यम से एकीकृत किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशित किया है कि कृषकों के पंजीयन और आधार सीडिंग के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए तय समय-सीमा में पूर्ण करें, जिससे जिले के सभी पात्र किसान समय पर पंजीकृत होकर समर्थन मूल्य पर धान विक्रय कर सकें। इस नई व्यवस्था से पारदर्शिता सुनिश्चित होगी, दोहराव रहित पंजीयन संभव होगा और किसानों को समय पर योजनाओं का लाभ प्राप्त होगा।
एग्रीस्टेक के मुख्य उद्देश्य किसानों का डेटाबेस, किसानों की पहचान, भूमि रिकॉर्ड, वित्तीय जानकारी, फसल की जानकारी और बीमा इतिहास को एक ही स्थान पर एकत्रित करना है। किसानी को विभिन्न सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ उठाने के लिए एक डिजिटल प्लेट फार्म प्रदान करना है। किसानों को किफायती ऋण और अन्य वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान करना है। कीटों के हमले, सूखा, बाढ़ जैसी आपदाओं के लिए स्थानीयकृत और अनुकूलित पूर्व चेतावनी प्रणालियां प्रदान करना है। निजी क्षेत्र की भागीदारी की सक्षम का, जिससे किसानों के लिए अधिक विकल्प उपलब्ध हो सके। जिले के किसानों से 30 अगस्त 2025 तक एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन कराकर डिजिटल फार्मर आईडी (किसान कार्ड) बनवाने की अपील की गई है।