छत्तीसगढ़

पीईकेबी कोल परियोजना से प्रभावित ग्रामों के जन प्रतिनिधि एवं ग्रामीण जनों की हुई बैठक

अम्बिकापुर, 14 जुलाई 2025/sns/- उदयपुर के परसा कोल ब्लॉक से प्रभावित गांव घाटबर्रा, साल्ही, हरिहरपुर, फतेहपुर, जनार्दनपुर व तारा के ग्रामीणों की मांगों को लेकर सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर श्री विलास भोसकर की अध्यक्षता में विशेष बैठक आयोजित की गई। बैठक में ग्रामीणों ने मुआवजा, रोजगार, पुनर्वास और बुनियादी सुविधाओं से संबंधित अपनी 12 सूत्रीय मांगें विस्तार से प्रस्तुत कीं।
ग्रामीणों ने बताया कि परसा कोल ब्लॉक परियोजना में भूमि अधिग्रहण की दरें पीईकेबी कोल ब्लॉक की तुलना में काफी कम हैं, जबकि दोनों परियोजनाएं एक ही श्रेणी की कोयला गुणवत्ता और भौगोलिक स्थिति में स्थित हैं। ग्रामीणों ने मांग की कि परसा कोल ब्लॉक के अंतर्गत सभी प्रकार की भूमि के लिए न्यूनतम मुआवजा राशि 23,82,923 रुपये प्रति एकड़ निर्धारित की जाए, जो पीईकेबी फेज-2 में दी जा रही है।
साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य आदर्श पुनर्वास नीति 2007 के तहत सभी योग्य विस्थापितों को रोजगार देने, रोजगार नहीं लेने वाले परिवारों को 10 लाख रुपये एकमुश्त सहायता, तथा वन अधिकार पत्रधारकों को भी समान मुआवजा और रोजगार देने की मांग रखी है।
बैठक में ग्रामीणों ने यह भी मांग की कि परियोजना से पूर्ण विस्थापित परिवारों के वृद्धजन को पेंशन, स्थानीय युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता, घरजमाई (घरजिहां दामाद) को रोजगार, जाति प्रमाण पत्र की सरल प्रक्रिया और ग्राम विकास हेतु सीएसआर फंड का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
कलेक्टर श्री भोसकर ने ग्रामीणों की बातों को गंभीरतापूर्वक सुना और आश्वस्त किया कि सभी मांगों पर तथ्यात्मक विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी तथा संबंधित एजेंसियों को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन जनहित को सर्वोपरि मानते हुए निष्पक्ष व न्यायोचित निर्णय की दिशा में कार्य करेगा। उन्होंने आगामी अगस्त माह में पीईकेबी वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में ग्रामीणों की मांग के संबंध में बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। ताकि ग्रामीणों के मांगों के अनुरूप न्यायसंगत निर्णय दी जा सके।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री विनय कुमार अग्रवाल, अपर कलेक्टर श्री सुनील नायक,उदयपुर एसडीएम श्री बनसिंह नेताम, पीईकेबी परियोजना प्रबंधन के प्रतिनिधियों सहित संबंधित विभागों के अधिकारी एवं बड़ी संख्या में प्रभावित गांवों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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