छत्तीसगढ़

ईंट-गारे के सहारे लखपति दीदी बनने की राह पर बैगा महिलाएं


बिलासपुर, 8 जुलाई 2025/sns/- कोटा विकासखंड के ग्राम करई कछार में स्व सहायता समूह की दीदियों को आत्मनिर्भर बनाने की विशेष पहल की जा रही है जिसके तहत बैगा, बिरहोर जनजातीय समुदाय सहित 35 महिलाओं को रानी मिस्त्री का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाएं साधारण घरेलू महिला है। जिन्हें विशेष पहल के तहत गांव में ही रानी मिस्त्री का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आरसेटी के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त कर यह महिलाएं आत्मनिर्भरता के लिए अपनी राह बना रही है। महिलाओं ने गांव में ही प्रशिक्षण मिलने पर खुशी जताई और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार जताया।
पीव्हीटीजी यानी विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए शासन द्वारा अनेक योजनाएं चलायी जा रही है। इसी क्रम में दूरस्थ गांव में रहने वाले बैगा, बिरहोर परिवार की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की विशेष पहल की गई है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की बिहान योजना से जुड़ी इन महिलाओं को जिला पंचायत द्वारा नया प्रयोग करते हुए रानी मिस्त्री के प्रशिक्षण की व्यवस्था गांव में ही की गई है। प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को पीएम आवास योजना के तहत बनाये जा रहे मकान में प्रशिक्षण देने की शुरूआत की गई है ताकि उन्हें फील्ड पर ही कार्य का बेहतर अनुभव मिल सके।
पीव्हीटीजी एक ऐसा समुदाय जिनकी आजीविका मुख्य रूप से मजदूरी या जंगल पर आधारित रही है। इनका जीवन संघर्षों से भरा होता है और इन्हें आय का कोई स्थायी साधन नहीं मिलता। इन परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए महिलाओं को लखपति दीदी योजना से भी जोड़ा जा रहा है ताकि इन समुदायों की आजीविका में वृद्धि हो सके। प्रशिक्षण प्राप्त कर रही श्रीमती तुलसी बैगा ने बताया कि यहां प्रशिक्षकों द्वारा उन्हें न केवल तकनीकी ज्ञान दिया जा रहा है बल्कि कार्य के लिए मानसिक रूप से भी तैयार किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण के तहत हमे फील्ड पर जाकर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनवाने का प्रायोगिक अभ्यास भी कराया गया। जिसमें ईंट जोड़ने से लेकर, माप-नाप, लेवलिंग, प्लास्टर, छज्जा बनाने तक के सारे पहलुओं को सिखाया गया। तुलसी कहती हैं कि इस काम को सीखने के बाद उनकी कमाई बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले भर में हजारों स्वीकृत आवास का निर्माण किया जाएगा। इसी तरह करहीकछार की सिया बाई बैगा ने कहा कि गांव में ही प्रशिक्षण मिलने से उनकी बड़ी समस्या का समाधान हो गया। सिया बाई कहती है कि बिहान योजना से जुड़कर बैगा-बिरहोर परिवार की महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव आ रहा है। अब महिलाएं अपने पारम्परिक कामों से इतर अन्य काम करके भी आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनकर अपने परिवार को सहयोग दे पा रही है। सिया बाई ने उम्मीद जताई कि रानी मिस्त्री का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उन्हें आवास निर्माण का काम मिलना शुरू हो जाएगा क्योंकि वर्तमान में पीएम आवास योजना के तहत आवास निर्माण बड़ी संख्या में हो रहे हैं जिसमें कुशल मिस्त्रियों की आवश्यकता होगी। प्रशिक्षण के बाद उनकी अच्छी कमाई हो सकेगी।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को समूह के माध्यम से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने की विशेष पहल की जाती है। महिलाओं के निःशुल्क प्रशिक्षण की व्यवस्था के साथ ही उन्हें विभिन्न आजीविका गतिविधियों से जोड़ा जाता है ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के साथ ही लखपति दीदी बन सकें।

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