छत्तीसगढ़

पंजीयन विभाग में रजिस्ट्री में 10 नई क्रांतियाँ कार्यशाला का आयोजन- नागरिकों को मिलेंगी डिजिटल सुविधाएं से लाभ

सुकमा, 23 मई 2025/sns/- कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव के निर्देशन में आज कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभाकक्ष में रजिस्ट्री में 10 नई क्रांतियाँ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य आम नागरिकों को पंजीयन विभाग में हाल ही में लागू की गई अत्याधुनिक डिजिटल सेवाओं की जानकारी देना।
कार्यशाला में तहसीलदार श्री अनिल कुमार ध्रुव ने बताया कि रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता, गति और सुरक्षा लाने के लिए विभाग ने 10 नवाचार प्रारंभ किए हैं। इन पहलों से न केवल फर्जी रजिस्ट्री पर अंकुश लगेगा, बल्कि नागरिकों को घर बैठे ही अनेक सेवाएं उपलब्ध होंगी।
उन्होंने बताया कि अब क्रेता और विक्रेता की पहचान आधार नंबर और बायोमैट्रिक के माध्यम से की जाएगी जिससे फर्जी रजिस्ट्री की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण होगा। साथ ही नागरिक अब खसरा नंबर दर्ज कर संपत्ति की पूर्व रजिस्ट्री देख सकते हैं और दस्तावेज डाउनलोड भी कर सकते हैं, जिससे विवादित या बंधक संपत्ति की जानकारी पहले ही मिल जाएगी।
संपत्ति पर ऋण या पूर्व विक्रय की स्थिति ऑनलाइन भारमुक्त प्रमाण पत्र के माध्यम से जानी जा सकेगी, जो बैंक लोन या शासकीय कार्यों के लिए आवश्यक होता है। स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्री शुल्क का भुगतान अब कैशलेस माध्यमों जैसे  यूपीआई, डेबिट कार्ड व नेट बैंकिंग से किया जा सकेगा। इससे पहले यह भुगतान अलग-अलग स्थानों पर नकद में करना पड़ता था।
नवाचारों के अंतर्गत रजिस्ट्री प्रक्रिया से जुड़ी विभिन्न सेवाएं अब व्हाट्सएप पर भी उपलब्ध होंगी। जैसे स्लॉट बुकिंग, दस्तावेज की स्थिति, पंजीयन पूर्ण होने की सूचना और रजिस्ट्री की प्रति स्वतः व्हाट्सएप पर प्राप्त होगी। साथ ही व्हाट्सएप के माध्यम से शिकायतें एवं फीडबैक भी दिए जा सकेंगे।
उन्होंने बताया कि पंजीकृत दस्तावेज अब डिजीलॉकर में संरक्षित रहेंगे जिन्हें आवश्यकता अनुसार कभी भी डाउनलोड किया जा सकेगा। पक्षकार द्वारा जानकारी भरने के बाद रजिस्ट्री दस्तावेज स्वतः जनरेट होंगे और उप पंजीयक को डिजिटल रूप में प्रस्तुत किए जाएंगे। डिजीडॉक सेवा के माध्यम से किरायानामा, अनुबंध जैसे गैर-पंजीकृत दस्तावेज अब घर बैठे डिजिटल स्टाम्प सहित तैयार किए जा सकते हैं।
इसके अलावा, कुछ दस्तावेजों जैसे रेंट एग्रीमेंट, मोर्गेज डीड आदि की रजिस्ट्री प्रक्रिया अब पूरी तरह ऑनलाइन होकर घर से ही पूरी की जा सकती है। सबसे महत्वपूर्ण सुविधा यह है कि रजिस्ट्री प्रक्रिया पूर्ण होते ही संबंधित क्रेता का नाम राजस्व रिकॉर्ड में स्वतः दर्ज हो जाएगा। इससे नागरिकों को नामांतरण के लिए अलग से आवेदन, शुल्क या प्रतीक्षा की आवश्यकता नहीं होगी।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधि श्री धनीराम बारसे ने कहा कि 10 नवाचार प्रारंभ होने से पंजीयन प्रक्रिया अब ज्यादा पारदर्शी, सरल और जन-सुलभ हो जाएगी।  डिजिटलीकरण से समय, मेहनत और धन तीनों की बचत होगी। जिससे लोगों को सीधे लाभ मिल पाएगा।
प्रशिक्षण में जनप्रतिनिधि श्री धनीराम बारसे, नगर पालिका अध्यक्ष श्री हुंगाराम मरकाम, श्री अरुण सिंह भदौरिया, श्री विश्वराज चौहान, श्री रंजीत बारठ, श्री शोभन गंदामी, श्री रमेश कर्मा, उर्मिला मंडावी सहित अन्य जनप्रतिनिधि, पत्रकारगण, संयुक्त कलेक्टर श्री सूरज कश्यप, तहसीलदार श्री गिरीश निम्बलकर तथा अन्य अधिकारी-कर्मचारी भी उपस्थित थे।

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