सुकमा, 30 अप्रैल 2025/sns/- कृषि विज्ञान केन्द्र सुकमा के मछली पालन विशेषज्ञ डॉ संजय सिंह राठौर ने छिंदगढ़ स्थित ग्राम कोकावाड़ा में मछली पालकों को मछली पालन की नई तकनीक विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया। उन्होंने मुख्यतः मछली पालन की आधारभूत जानकारी जैसे कैसे किसान बंधु रोहू, कतला, मृगल, सिल्वर कार्प, ग्रास कार्प और कॉमन कार्प मछलियों को सही अनुपात में पालकर एक एकड़ तालाब से ही लाखों रुपए कमा सकते हैं। उन्होंने बताया कि समन्वित मछली पालन के अंतर्गत मछली के साथ साथ तालाब के ऊपर मुर्गी, बटेर और बतख को हवादार शेड में पालकर चारे की लागत को 25 से 30 प्रतिशत कम किया जा सकता है। साथ ही इनके मांस के साथ अंडे बेचकर आय को दुगुना किया जा सकता है। बतख को तालाब के पानी का चलता हुआ खाद कहा जाता है क्योंकि यह जब तैरता है तो हवा के ऑक्सीजन को पानी में घोलकर डिसॉल्व (घुलित) ऑक्सीजन को बढ़ाता है जिससे मछली की बढ़वार तेज होती है। ट्रेनिंग समाप्त होने के बाद उन्होंने गांव के तालाब का भी निरीक्षण किया और तालाब के पानी का परीक्षण करके बताया गया कि पानी का तापमान, पीएच, अमोनिया आदि सभी पैरामीटर एकदम सही हैं। आज के प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री ज्योतिष कुमार पोटला और श्री विनोद ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
