भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव का बघेल की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर करारा पलटवार
‘अगर नीयत साफ थी तो बघेल ने अपने कार्यकाल में महादेव सट्टा मामला सीबीआई को क्यों नहीं सौंपा?’
सत्ता में रहते सीबीआई को बैन रखा,सत्ता जाने के बाद सीबीआई जांच की खुद मांग की और अब सीबीआई की जांच का विरोध कर रहे है भूपेश बघेल:संजय श्रीवास्तव
सीबीआई जाँच कर रही है तो दबाव बनाने के लिए सारे हथकण्डे अपना रहे हैं : श्रीवास्तव
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा है कि महादेव सट्टा एप मामले में सीबीआई के छापों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चाहे जितना मिथ्या प्रलाप कर लें, प्रदेश की जनता अब उनके झूठे प्रपंचों के झाँसे में नहीं आने वाली है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि अपने मुख्यमंत्रित्व काल में तो बघेल ने सीबीआई को प्रतिबंधित कर रखा था। यदि उनकी नीयत साफ थी तो मुख्यमंत्री रहते हुए ही बघेल यह मामला सीबीआई को सौंप देते। जब सत्ता हाथ से चली गई तब वह इस मामले की सीबीआई से जाँच की मांग करने लगे।श्री श्रीवास्तव ने कटाक्ष किया कि अब सीबीआई जाँच कर रही है तो दबाव बनाने के लिए सारे हथकण्डे अपना रहे हैं। महादेव सट्टा एप मामले में जिस तरह बघेल ने भाजपा की केंद्र व राज्य सरकार पर ठीकरा फोड़ने की नाकाम कोशिश की है, वह नितांत हास्यास्पद और उनके मानसिक असंतुलन का परिचायक है।
भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की भूपेश सरकार एक ऐसी सरकार के तौर पर जानी जाती रही है, जो अपने ही राजस्व पर डाका डालने का काम करती रही और सरकारी खजाने की लूट को संरक्षण देती रही। बघेल यह याद रखें कि महादेव सट्टा ऐप ही सिर्फ एक मामला नहीं है। ऐसे अनेक घोटाले हैं, जिनमें बघेल की जवाबदेही बनती है। शराब, कोयला, रेत, जमीन घोटालों के साथ ही डीएमएफ घोटाला भी जाँच के दायरे में है। श्री श्रीवास्तव ने हैरत जताई कि डीएमएफ घोटाले को लेकर भूपेश सरकार के ही मंत्री रहे जयसिंह अग्रवाल ने बकायदा पत्र लिखा था, लेकिन बघेल ने बजाय अग्रवाल के पत्र को गंभीरता से लेने के संबंधित कलेक्टर को उपकृत किया और आज वह अधिकारी जेल की सलाखों के पीछे जमानत के लिए मोहताज है। डीएमएफ घोटाले पर तो विधानसभा में तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भी खुलासे किए थे, लेकिन नतीजा यह हुआ कि मरकाम को अध्यक्ष पद से हाथ धोना पड़ा।