छत्तीसगढ़

सामुहिक दवा सेवन एवं राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम 27 फरवरी से 13 मार्च तकअम्बिकापुर

फरवरी 2025/sns/ राष्ट्रीय वेक्ट्रर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत फाईलेरिया (हॉथीपांव) संक्रमण से बचाव हेतु  जिले में 27 फरवरी 2025 से 13 मार्च 2025 तक फाईलेरिया रोधी दवा पूरे योग्य जनसमूह को खिलाया जायेगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.पी.एस. मार्को ने बताया कि 27 फरवरी से 02 मार्च 2025 तक स्कूल, कॉलेज, आंगनवाड़ी केन्द्र तथा स्वास्थ्य केन्द्रों में बूथ लगाकर एवं 03 मार्च से 10 मार्च 2025 तक घर-घर जाकर फाईलेरिया रोधी दवा खिलाई जायेगी। छुटे हुये योग्य व्यक्तियों को 11 मार्च से 13 मार्च 2025 तक पुनः दवा का सेवन कराया जावेगा। जन समुहों को दवा खिलाने हेतु जिले में कुल 1932 दल कार्यरत रहेंगे। जिनके निगरानी हेतु 345 सुपरवाईजर चयनित किये गये है। इस कार्यक्रम में एक व्यक्ति को तीन दवाई (एल्बेंडाजोल, डी.ई.सी., आईवरमेक्टीन) का सेवन कराया जावेगा। इन दवाओं के सेवन से शरीर को किसी प्रकार की क्षति नहीं होती यदि किसी प्रकार का विपरीत प्रभाव हो तो परजीवी के मरने के कारण होती है, इससे घबरायें नहीं। फिर भी यदि किसी को किसी प्रकार की समस्या दवा सेवन पश्चात् हो तो 108 एवं जिला स्तरीय कंट्रोल टीम 9238360399 तथा रैपिड रिस्पॉस टीम से संपर्क कर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों से उचित परामर्श एवं स्वास्थ्यगत सेवायें ले सकते है।
 वेक्ट्रर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल एवं जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि भारत में फाईलेरिया 20 राज्यों,केन्द्र शासित प्रदेशों के 339 जिले में है। देश में 90 प्रतिशत फाईलेरिया का भार मुख्यतः 8 राज्यों में है, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य शामिल है। द्वीर्घकालीन विकलांगता में यह बीमारी विश्व में दुसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ राज्य में 22 जिले हाथीपॉव बीमारी प्रभावित है। सरगुजा संभाग में जिलेवार फाईलेरिया की स्थिति सरगुजा में 66, सूरजपुर 46, जशपुर 225, कोरिया 9, तथा एमसीबी में 18 प्रकरण हैं। जिले के हॉथीपांव के मरीजों का एममडीपी (रूग्णता प्रबंधन एवं रोगोपचार) किट देकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे मरीजों का राहत मिल सके एवं हाइड्रोसील मरीजों का निःशुल्क ऑपरेशन किया जा रहा है। फाईलेरिया बीमारी का कोई कारगर ईलाज नहीं है। फाईलेरिया से बचाव हेतु एमडीए के तहत् ट्रिपल ड्रग थेरेपी की दवाईयों (एल्वेंडाजोल, डी.ई.सी. आईवरमेक्टीन) का सेवन आवश्यक करें। ट्रान्समिशन असेसमेंट सर्वे इस दौरान स्कूलों के लगभग 4500 बच्चों का जॉच किया गया, जिसमें 177 बच्चे माईक्रोफाईलेरिया से संक्रमित पाये गये। जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में एमडीए कार्नर में 27 फरवरी 2025 से 13 मार्च 2025 तक दवा सेवन कराया जावेगा।
    सामूहिक दवा सेवन गतिविधि के दौरान सभी योग्य व्यक्तियों को अपने समक्ष (डीओटी पद्धति के अनुरूप) दवा सेवन कराया जायेगा तथा एमडीए एवं एनडीडी के दौरान आइवरमेक्टिन डीईसी एवं एल्वेंडाजोल की दवाईयां खिलायी जावेगी।
     खाली पेट दवा सेवन नहीं करना है। 02 से 05 वर्ष के बच्चों को केवल डीईसी एवं एल्वेंडाजोल की दवा दी जानी है।आइवरमेक्टिन दवा हेतु आयु 05 वर्ष से ऊपर एवं हाईट 90 से.मी. होना अनिवार्य है। स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले सप्ताह के भीतर आइवरमेक्टिन की दवा नहीं दी जानी है। दो वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को दवा नहीं दिया जाना है

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