जनजातीय समाज के योगदानों पर डाला प्रकाश
सुकमा, अक्टूबर 2024/sns/शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सुकमा, छिंदगढ़, कोंटा एवं शासकीय पॉलीटेक्निक सुकमा के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को शबरी ऑडिटोरियम कुम्हाररास, सुकमा में एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ छत्तीसगढ़ महतारी, बिरसा मुंडा, रानी दुर्गावती, गुण्डाधुर और डेबरीधुर की छायाप्रतियों पर दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर जनजातीय समाज के ऐतिहासिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदानों पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य श्रीमती माड़े बारसे, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष सुकमा श्री डमरू राम नाग, प्राचार्य आईटीआई कोंटा श्री खोमन दास खिलाड़ी, प्राचार्य पॉलीटेक्निक कॉलेज सुकमा श्री गजेन्द्र देवांगन, प्राचार्य आईटीआई छिंदगढ़ श्री नीलेश कुमार नेताम सहित कई प्रतिष्ठित नागरिक उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि श्री धनी राम बारसे ने कहा कि जनजातीय समाज का गौरवशाली इतिहास बहुत विस्तृत और प्रेरणादायक है। उन्होंने समाज के प्रति त्याग और समर्पण की बात करते हुए युवाओं को सोशल मीडिया पर फैलने वाली भ्रामक खबरों से सावधान रहने की सलाह दी। उन्होंने युवाओं से जिले के विकास में योगदान देने और अपनी संस्कृति एवं परंपराओं को संजोए रखने का आह्वान किया। श्री बारसे ने सरकार द्वारा बस्तर क्षेत्र के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं के विस्तार के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने नशा मुक्त भारत अभियान पर जोर दिया और युवाओं को आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
सामाजिक कार्यकर्ता श्री नैनी जंघाय ने गीत ‘जीवन है अनमोल रे… से संबोधन की शुरुआत की और जनजातीय समाज के महानायकों बिरसा मुंडा, वीर नारायण सिंह, अलुरी सीतारामराजू, रानी दुर्गावती और डेबरी धुर के त्याग और बलिदान को याद किया। उन्होंने युवाओं से इन महापुरुषों के दिखाए मार्ग पर चलने का आह्वान किया।
संस्कृतिक कार्यक्रम की आकर्षक प्रस्तुतियां
कार्यक्रम में शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सुकमा, छिंदगढ़ एवं कोंटा के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की मनमोहक प्रस्तुतियों ने सभी का मनमोह लिया। कार्यक्रम का सफल संचालन श्री नेमीचंद वर्मा और श्री निषाद के द्वारा किया गया।