छत्तीसगढ़

वन मंडलाधिकारी श्री चूड़ामणि सिंह ने मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना क्रियान्वयन के लिए बैठक ली

वन मंडलाधिकारी ने योजना का क्रियान्वयन तत्परतापूर्वक करने के दिए निर्देश

कवर्धा, 04 जनवरी 2023। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग छत्तीसगढ़ के माध्यम से ‘‘मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना‘‘ प्रारंभ की गई है। वन मंडलाधिकारी श्री चूड़ामणि सिंह (भा.व.से.) ने योजना के क्रियान्वयन के लिए वनमंडल कार्यालय कवर्धा के सभागार में वनमंडल स्तर पर समीक्षा बैठक (प्रशिक्षण सह कार्यशाला) ली। वन मंडलाधिकारी श्री सिंह ने समस्त उप वनमंडलाधिकारी, परिक्षेत्राधिकारी एवं अन्य समस्त कर्मचारियों को इस योजना का क्रियान्वयन तत्परतापूर्वक करने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक (प्रशिक्षण सह कार्यशाला) में समस्त उप वनमंडलाधिकारी, समस्त परिक्षेत्र अधिकारी, समस्त परिक्षेत्र सहायक एवं वनरक्षक उपस्थित थे।
वनमंडलाधिकारी श्री चूड़ामणि सिंह (भा.व.से.) ने कहा कि शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना का मुख्य उद्देश्य कृषकों के निजी भूमि पर वाणिज्यिक प्रजातियों जैसे क्लोनज नीलगिरी, टिशु कल्चर सागौन, टिशु कल्चर बांस, मिलिया डुबिया (मालाबार नीम), चंदन एवं अन्य आर्थिक रूप से लाभकारी पौधों का वृक्षारोपण किया जाएगा साथ ही कृषक द्वारा लगाए गए पौधों से प्राप्त लकड़ी को क्रय किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा इस योजना से प्राप्त ईमारती लकड़ी का न्यूनतम क्रय मूल्य का निर्धारण किया जाएगा। जिससे कृषकों की आय सुनिश्चित हो सके। इस योजना में बिचौलियों के द्वारा किए जा रहे शोषण पर रोक, काष्ठ एवं प्लाईवुड आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिलना, स्थानीय रोजगार में वृद्धि के साथ-साथ कृषकों की आय में वृद्धि, पर्यावरण में सुधार तथा भविष्य में इन वृक्षारोपण क्षेत्रों में कार्बन क्रेडिट के रूप में कृषकां को अतिरिक्त आय की संभावना आदि शामिल है।

योजना के तहत हितग्राहियों को 5 एकड़ भूमि पर पौधारोपण के लिए 100 प्रतिशत मिलेगा अनुदान

वन मंडलाधिकारी श्री सिंह ने बताया कि ‘‘मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना‘‘ के तहत् हितग्राहियां को 5 एकड़ भूमि पर (प्रति एकड़ अधिकतम 1000 पौधे) पौधों के रोपण के लिए 100 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा एवं 5 एकड़ से अधिक भूमि पर (प्रति एकड़ अधिकतम 1000 पौधे) पौधों के रोपण के लिए 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। शेष 50 प्रतिशत राशि कृषकों को स्वयं वहन करना होगा।

वन मंडलाधिकारी ने योजना के क्रियान्वयन के लिए दिए निर्देश

वन मंडलाधिकारी श्री सिंह ने इस योजना के प्रारंभ करने की आवश्यकता, योजना की पात्रता, कृषकों का चयन, रोपित किए जाने वाले प्रजाति, प्रजाति के चयन का कारण, पौधो की व्यवस्था, प्रजातिवार अनुदान राशि, भूमि के उपयोग एवं अन्य योजना से लाभ, त्रिपक्षीय करारनामा, करारनामा के अंतर्गत कृषकों की जिम्मेदारी, करारनामा के अंतर्गत सहयोगी संस्था की जिम्मेदारी, करारनामा के अंतर्गत वन विभाग की जिम्मेदारी, औषधीय पौधों का रोपण एवं व्यय की गणना संबंधी बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा कर उपस्थित अधिकारी एवं कर्मचारियों को जानकारी दी।

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