छत्तीसगढ़

नवनियुक्त शिक्षकों को बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयत्नशील होना होगा…राजेश सिंह राणा

छत्तीसगढ़ के समस्त जिलों में प्राथमिक, माध्यमिक, हाई एवं हायर सेकेंडरी शालाओं में बड़ी संख्या में शिक्षकों की भर्ती छत्तीसगढ़ शासन द्वारा हुई है तथा प्रशिक्षण की जिम्मेदारी राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद रायपुर के द्वारा पूर्ण किया जाना है। व्याख्याताओं के प्रशिक्षण के साथ इसकी शुरुआत एससीईआरटी में कर दी गई है।
लगभग 4000 व्याख्याताओं के लिए सात चरण का प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया गया है ।

प्रथम बैच दिनांक 12 सितंबर से प्रारंभ होकर 11 नवंबर 2022 तक खत्म होगा। विद्यालय में गुणवत्ता बनाये रखने के उद्देश्य से प्रशिक्षण की अवधि को कम से कम रखा गया है। प्रत्येक चरण 5 दिवसीय निर्धारित की गई है।
प्रथम बैच में नौ जिलों के कुल 475 व्याख्याता प्रशिक्षार्थियों को आमंत्रित किया गया है। प्रत्येक कक्षा में 50 प्रतिभागियों को चार मास्टर ट्रेनर द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

इस प्रशिक्षण की शुरुआत एससीआईआरटी के डायरेक्टर श्री राजेश सिंह राणा जी द्वारा की गई जिसमें अतिरिक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे जी, प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. विद्यावती चंद्राकर तथा एससीईआरटी परिवार के समस्त अकादमिक सदस्य उपस्थित रहे। अपने उदबोधन में अतिरिक्त संचालक जी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शैक्षणिक चुनौतियों को ध्यान में रखकर मॉड्यूल का निर्माण किया गया है तथा उसी के अनुसार अलग-अलग स्तरों से बेहतर प्रशिक्षक का चयन भी किया गया है ।

कुल 111 मास्टर ट्रेनर्स द्वारा यह बृहद प्रशिक्षण संपादित होगा । संचालक महोदय जी ने अपने उदबोधन में कहा कि बच्चों को उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो ऐसा हमारा लक्ष्य है । संचालक महोदय ने सभी प्रशिक्षक व प्रशिक्षार्थियों को गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए । स्वयं को परिपक्व करते हुए विद्यालय स्तर पर समस्त शासकीय योजनाओं तथा विद्यार्थी गुणवत्ता को बेहतर करने के हर संभव प्रयास पर प्रेरणा प्रदान की ।

प्रशिक्षार्थियों का प्रशिक्षण पूर्व प्री टेस्ट तथा प्रशिक्षण पश्चात पोस्ट टेस्ट लिया जाएगा ।
कार्यक्रम अनुसार उत्कृष्ट शाला की अवधारणा, शिक्षा का अधिकार, आचरण नियम, विषय की प्रकृति, संप्रेषण कौशल, पाठ्यचर्या व पाठ्यपुस्तक में परस्पर संबंध, 21 वीं सदी के कौशल, नई शिक्षा नीति, आकलन, पाठ्य पुस्तक प्रदर्शन, शाला प्रबंधन समिति, पॉक्सो एक्ट, तनाव प्रबंधन, बेस्ट प्रैक्टिसेज, शाला अभिलेख का संधारण, नैतिक शिक्षा, राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय योजनाएं जैसे अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर फोकस किया जाएगा।

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