छत्तीसगढ़

जनसंख्या नियंत्रण पर जोर, परिवार नियोजन के लिए अस्पतालों में शुरू हुई नसबंदी सेवा

  • विश्व जनसंख्या दिवस पर जनजागरुकता के लिए जिले में हुए विविध आयोजन
    राजनांदगांव , जुलाई 2022। विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से बढ़ती जनसंख्या के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया। साथ ही मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल सहित सभी विकासखंडों के अस्पतालों में परिवार नियोजन हेतु चिन्हित पात्र महिलाओं व पुरुषों की नसबंदी की सेवा भी शुरू की गई है।
    बढ़ती जनसंख्या से सम्बंधित बिंदुओं, चिंताओं और संभावनाओं पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में बढ़ती जनसंख्या के प्रति लोगों को जागरूक करना है। जनसंख्या दिवस मनाते हुए इस दिन लोगों को परिवार नियोजन, लैंगिक समानता, मानवाधिकार और मातृत्व स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी जाती है। विश्व जनसंख्या दिवस इस बार 8 बिलियन की दुनिया सभी के लिए एक लचीले भविष्य की ओर- अवसरों का दोहन और सभी के लिए अधिकार और विकल्प सुनिश्चित करना की थीम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल सहित मानपुर, मोहला, अंबागढ़ चौकी, डोंगरगढ़, डोंगरगांव, छुईखदान व खैरागढ़ के अस्पताल में नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में परिवार नियोजन हेतु उन महिलाओं व पुरूषों को नसबंदी की सेवा दी गई, जिन्हें जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा के दौरान किए गए सर्वे में नसबंदी के लिए चिन्हित किया गया था। साथ ही बढ़ती जनसंख्या के प्रति जनजागरुकता के लिए अस्पताल व चौक-चौराहों पर प्रेरक पोस्टर भी लगाए गए हैं।
    इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश चौधरी ने बताया परिवार नियोजन के साधनों के प्रचार-प्रसार की दिशा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। परिवार नियोजन के फायदे बताने के लिए प्रचार-प्रसार वाहन रवाना किया गया है। विश्व जनसंख्या दिवस के क्रम में जिले में जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा भी मनाया जा रहा है। दो चरणों में मनाए जा रहे जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा का मुख्य उद्देश्य जनसाधारण को सीमित परिवार के प्रति जागरूक करना है। साथ ही इच्छुक लाभार्थियों को परिवार नियोजन की जानकारी देने के साथ ही परिवार नियोजन के स्थाई-अस्थाई साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। जनसंख्या नियंत्रण पर जोर देते हुए ब्लॉक स्तर के सभी सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में परिवार नियोजन संबंधी गर्भ निरोधक सामग्री के साथ ही अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं ताकि अधिक से अधिक लोगों तक परिवार नियोजन के साधनों की पहुंच सुनिश्चित की जा सके।
    जिला कार्यक्रम अधिकारी परिवार कल्याण डॉ. अल्पना लुनिया ने बताया कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (एनएफएचएस-5) के आंकड़ों के अनुसार जिले में 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों का विवाह (बाल विवाह) का आंकड़ा साल 2015-16 में जहां 17.2 प्रतिशत था, वह घटकर साल 2020-21 में 3.8 प्रतिशत पर आ गया है यानि ऐसे मामलों में 14 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है जो महिलाओं के स्वास्थ्य तथा परिपक्वता के आधार पर जनसंख्या नियंत्रण के लिए काफी अच्छा संकेत है।
    पुरुष नसबंदी सरल और सुरक्षित –
    जनसंख्या नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार अभियान चलाया जा रहा है जिसके परिणामस्वरूप अब लोग परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों का उपयोग करने लगे हैं। हालांकि, परिवार नियोजन को लेकर लोगों के व्यवहार परिवर्तन की जरूरत अभी भी है। इसे गंभीरता से लेते हुए यह अपील की जा रही है कि पुरुष नसबंदी सरल, सुरक्षित और महिला नसबंदी से बेहद आसान विधि है, इसलिए योग्य और इच्छुक लाभार्थी आगे आकर इस विधि का चुनाव करें तथा इस सेवा का लाभ उठाएं।

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