सुकमा मार्च 2022/ राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित छत्तीसगढ़ सरकार के नई दिशा नीति 2020 के तहत पूर्व प्राथमिक शिक्षा की दिशा में लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए पांच दिवसीय बाल वाटिका प्रशिक्षण 24 से 28 फरवरी तक दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान बाल वाटिका में 5 से 6 वर्ष की आयु के सभी बच्चों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए एक स्वर्ण व्यापक न्याय संगत आनंददायक समावेशी और संदर्भित सीखने के अवसर की उपलब्धता को बढ़ावा देने के संबंध में बताया गया। बालबाड़ी बच्चों में सामाजिक भावनात्मक विकास को विकसित करना और पूर्व प्राथमिक विद्यालय से प्राथमिक विद्यालय में प्रवेश सुनिश्चित करता है।
बालवाड़ी की आवश्यकता बच्चों को विद्यालय के लिए तैयार करना, बच्चों में अच्छी आदतों का विकास करना, बच्चों में सिर्फ सुनने और बोलने के कौशल का विकास करना, विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बुद्धि एवं व्यक्तित्व का विकास करना, पूर्व प्राथमिक विद्यालय से प्राथमिक विद्यालय में सहज रूप से पारगमन के लिए तैयार करना है। प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि बाल वाटिका के उद्देश्य खेल आधारित माध्यम से बच्चों में बौद्धिक एवं भाषाई कौशल का विकास करना, बच्चों को सिखाने की प्रक्रिया में माता-पिता और समुदाय के अन्य लोगों को शामिल करना, विभिन्न पृष्ठभूमि से आने वाले बच्चों को कक्षा एक के लिए तैयार करना, बच्चों में अनौपचारिक शिक्षा से औपचारिक शिक्षा में सहज पारगमन को सुनिश्चित करना, बच्चों में सर्वांगीण विकास के लिए मनोरंजक एवं प्रेरक वातावरण का सृजन करना ताकि उन्हें खेल खेल में सीखने एवं आयु के अनुकूल व उपयुक्त शिक्षाप्रद अनुभव प्रदान किया जा सके।
प्रशिक्षण में संचालक श्री राजेश सिंह राणा एवं अतिरिक्त संचालक श्री योगेश शिवहरे, सहायक संचालक समग्र शिक्षा श्री प्रशांत पांडे, प्रशिक्षण प्रभारी श्रीमती जया भारती चंद्राकर, सहायक संचालक श्रीमती विद्यावती चंद्राकर, मास्टर ट्रेनर्स श्री तारकेश्वर देवांगन, श्री मिलिंद चंद्रा, सीताराम सिंह राणा, नरेंद्र कुमार साहू, नंटूशील, गणेश कुंजाम सहित अन्य उपस्थित थे।