छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री सघन सुपोषण योजना के मिल रहे हैं कारगर परिणाम

राजनांदगांव 23 फरवरी 2022। मुख्यमंत्री सघन सुपोषण योजना के कारगर परिणाम मिलने लगे हैं। जिसकी एक बानगी यह है कि छुईखदान विकासखंड के सेक्टर ठंढार के आंगनबाड़ी केन्द्र चकनार में वजन त्यौहार में चिन्हांकित 8 गंभीर रूप से कुपोषित बच्चे सामान्य श्रेणी में आ गए हैं। कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा के मार्गदर्शन में मानपुर, मोहला एवं छुईखदान विकासखंड में विशेष रूप से सघन सुपोषण चलाया गया है। जिसके लिए सभी ने अथक परिश्रम किया। सुपोषण की इस लहर में स्वयं सेवी संस्थाएं एवं समुदाय की विशेष सहभागिता रही।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपूपा जंघेल द्वारा कुपोषित बच्चों के अभिभावकों को सुपोषण के संबंध में जानकारी दी गई। पंचायत प्रतिनिधि को गंभीर कुपोषित बच्चों की सूची दी गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती रेणु प्रकाश ने बताया कि मुख्यमंत्री सघन सुपोषण अभियान के अंतर्गत सुबह का नाश्ता गंभीर कुपोषित बच्चों को आगामी 6 माह तक दिया जा रहा है। दोपहर का भोजन कार्यकर्ता द्वारा बनाकर बच्चों को उनके घर में ले जाकर खिलाया गया। शाम को फल, अण्डा, भोजन दे रहे हैं तथा पंचायत द्वारा सभी बच्चों के लिए टिफिन व्यवस्था की गई है। कुपोषित बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था की गई।
गौरतलब है कि प्रतिदिन कार्यकर्ता, सहायिका, मितानिन द्वारा गृहभेंट कर स्वच्छता सुपोषण वाटिका भी हितग्राहियों के घरों में विकसित किया गया है। सुपोषण वाटिका की हरी सब्जी और फल से भी बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। नियमित खान-पान के कारण बच्चों का वजन बढ़ता गया। वर्तमान में गुलशन का वजन 9.500 किलोग्राम से बढ़कर 11.300 किलोग्राम हो गया। इसी तरह गुलाब का वजन 10.600 किलोग्राम से बढ़कर 11.500 किलोग्राम सामान्य श्रेणी, तीर्थ का वजन 7.800 किलोग्राम से बढ़कर 10.500 किलोग्राम मध्यम श्रेणी, भोमेश का वजन 11.500 किलोग्राम से बढ़कर 12.700 किलोग्राम मध्यम श्रेणी, पुष्पेन्द्र का वजन 11 किलोग्राम से बढ़कर 11.700 किलोग्राम सामान्य श्रेणी, तातिया का वजन 6.500 किलोग्राम से बढ़कर 7.800 किलोग्राम मध्यम श्रेणी, डाली का वजन 10.600 किलोग्राम से बढ़कर 11.600 किलोग्राम मध्यम, तमन्ना का वजन 10.200 किलोग्राम से बढ़कर 11 किलोग्राम मध्यम श्रेणी में हो गया है। सभी समुदाय के सहयोग और कार्यकर्ता के कड़ी मेहनत से 8 बच्चों को गंभीर कुपोषित थे। उसमें से 3 बच्चे सामान्य श्रेणी और 5 बच्चे मध्यम श्रेणी में आ चुके हैं।

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