छत्तीसगढ़

संविधान दिवस के अवसर पर जिला एवं तहसील न्यायालय में हुए भारतीय संविधान के संवैधानिक मूल्यों तथा मूल सिद्धांतों के संबंध में कार्यक्रम आयोजित

रायगढ़, नवंबर 2021/ 26 नवम्बर को जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायगढ़ के अध्यक्ष श्री रमाशंकर प्रसाद के निर्देशन में, विधि दिवस के अवसर पर, जिला एवं तहसील न्यायालयों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये। सर्वप्रथम प्रात: 11 बजे न्यायाधीशगण, कर्मचारीगण, शासकीय अधिवक्तागण, पैरालीगल वालिंटियर्स द्वारा भारतीय संविधान के प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया गया। तत्पश्चात् ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति के साथ संविधान के प्रस्तावना वाचन के प्रसारण कार्यक्रम में सचिव सहित पैनल लायर्स एवं पैरालीगल वालिंटियर्स सहभागी हुए।
वल्लभभाई पटेल म्यूनिसिपल स्कूल, नगरपालिक निगम रायगढ़ एवं शासकीय प्रा. माध्यमिक हाईस्कूल भूपदेव स्कूल केवड़ाबाडी रायगढ़ के स्कूली बच्चों को न्यायाधीशगण श्री विवेक कुमार तिवारी एवं श्रीमती पल्लवी तिवारी द्वारा संविधान की प्रस्तावना का वाचन कराया तथा संविधान दिवस के बारे में विस्तार से बताया गया। अनुच्छेद 39-ए के प्रावधानों के बारे में बताते हुए कहा कि यदि किसी व्यक्ति को यह प्रतीत होता है कि वह न्याय पाने में असफल हो रहा है तो वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अथवा तहसील स्तर पर तालुका विधिक सेवा समिति के माध्यम से नि:शुल्क विधिक सहायता प्राप्त कर सकता है। उन्होंने बताया कि लोगों को यह लगता है कि न्यायिक प्रक्रिया बहुत ही जटिल है, लेकिन उसको सरल बनाने के लिये ही विधिक सेवा संस्थाएॅ स्थापित की गई हैं। संविधान के मौलिक कर्तव्यों के बारे में यह जानकारी दी गई कि मौलिक अधिकार के साथ-साथ हमें मौलिक कर्तव्यों का भी पालन करना चाहिए। हमारा यह नैतिक दायित्व है कि हम अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहें। आज हम अपने अधिकारों के विषय में तो बात करते हैं, किन्तु मूल कर्तव्यों को भूल जाते हैं। न्यायाधीशगण ने बच्चों द्वारा पूछे गये विभिन्न प्रश्नों का बहुत ही सरल तरीके से जवाब दिया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायगढ़ की सचिव श्रीमती स्मिता श्रीवास्तव सिन्हा के द्वारा संविधान दिवस के अवसर पर, जिला जेल रायगढ में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से महिला बंदियों के लिये स्वास्थ्य शिविर के साथ-साथ विचाराधीन बंदियों हेतु विधिक सेवा शिविर का आयोजन किया गया। जेल में बंदियों को संविधान की प्रस्तावना का वाचन कराये जाने के पश्चात् विचाराधीन बंदियों को प्ली-बार्गेंनिंग, जेल लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण के महत्व तथा राजीनामा योग्य मामलों का नेशनल लोक अदालत द्वारा निराकृत किये जाने के बारे में बताया गया। इसके अतिरिक्त न्यायाधीश श्रीमती गिरिजादेवी मेरावी एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री दिग्विजय सिंह के द्वारा वृद्धजनों को उनके अधिकारों से अवगत कराये जाने हेतु वृद्धाश्रम में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें न्यायाधीशगण द्वारा संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेदों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई।
सचिव, श्रीमती स्मिता श्रीवास्तव सिन्हा ने शिविर के माध्यम से वृद्धाओं को परिवारजन/संतानों के द्वारा वृद्धजनों की भरण पोषण एवं उनके रहन-सहन से संबंधित कार्यक्रम ”करूणा” के विषय में तथा विधिक सहायता से संबंधित प्रावधानों से अवगत कराया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *