छत्तीसगढ़

कलेक्टर ने रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर लगाया प्रतिबंध

सुकमा , नवम्बर 2021/ कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री विनीत नन्दनवार ने नगर पंचायत कोण्टा में आम निर्वाचन-2021 के दृष्टिगत छत्तीसगढ़ कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा-4 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग किया जाना अथवा करवाया जाना पूर्ण रूप से निषिद्ध कर दिया है। छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगर पंचायत कोण्टा में आम निर्वाचन-2021 अंतर्गत सुकमा जिला में मतदान 20 दिसम्बर 2021 को सम्पन्न कराया जाएगा।
आदेश के अनुसार ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग चुनाव प्रसार करने के लिए वाहनों पर और चुनावी सभाओं में प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही किया जा सकेगा, किन्तु ऐसे ध्वनि विस्तारक यंत्र साधारण किस्म के होगे और मध्यम आवाज में चलाये जायेंगे। लोक शांति को देखते हुए लम्बे चोगें वाले माईक का उपयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जाता है। वाहनों पर और चुनावी सभाओं में एक से अधिक लाऊडस्पीकर समूह में लगाया जाना भी प्रतिबंधित किया जाता है।
चुनावी सभाओं एवं चुनाव प्रचार करने के लिए वाहनों पर ध्वनि विस्तारक यंत्र लगाने के लिए सामान्य तौर पर संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय दण्डाधिकारी, पार्षद प्रत्याशी हेतु संबंधित सहायक रिटर्निंग ऑॅिफसर तथा अनुविभाग के अन्य नगरीय निकाय हेतु संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी से लिखित पूर्वानुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा। प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग सक्षम अधिकारी की अनुमति प्राप्त कर सामान्यतः किया जा सकता है, किन्तु शैक्षणिक संस्थाओं, चिकित्सालयों व नर्सिंग होम, न्यायालय परिसर, शासकीय कार्यालय, छात्रावास, नगर पालिका निगम/परिषद एवं किसी भी स्थानीय निकाय कार्यालयों, बैंक, पोस्ट आफिस, दूरभाष केन्द्र आदि कार्यालयों से 200 मीटर की दूरी के भीतर ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग सामान्य स्थिति में भी पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है। यह प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से 24 नवम्बर 2021 से निवार्चन प्रक्रिया की समाप्ति तिथि तक सुकमा जिले के नगर पंचायत कोण्टा क्षेत्र में प्रभावशाली रहेगा।

सभी राजनैतिक दल उनके कार्यकर्ता तथा उनसे सहानुभूति रखने वाले व्यक्ति अपने दल के प्रचार-प्रसार के लिए लाउडस्पीकरों का प्रयोग करते हैं। इन लाउडस्पीकरों का प्रयोग न केवल स्थायी रुप से होता है, बल्कि वाहनों यथा ट्रक, टैम्पों, कारें, टैक्सियों, वेन, तिपहिया स्कूटर, साइकिल, रिक्शा आदि पर होते हैं। ये वाहन सभी सड़कों, गलियों, उप गलियों पर चलते हैं और गांवों, बस्तियों, मोहल्लों, कालोनियों में भी बहुत ऊंची आवाज पर लाऊडस्पीकरों से प्रसारण करते हुए जाते हैं। लाउडस्पीकरों की ऊंची आवाज के प्रयोग से विद्यार्थी वर्ग विशेष रूप से अशांत हो जाते हैं, क्योंकि उनकी पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित होती है और चूंकि लाउडस्पीकर बहुत सुबह शोरगुल करना शुरू कर देते है। पूरा दिन इससे बूढ़े, दुर्बल और बीमार चाहे वे किसी भी संस्था, अस्पताल आदि में हो या घर में हों, उन्हें बहुत परेशानी होती है।
निर्वाचन अवधि में लाऊडस्पीकरों के प्रयोग को पूर्ण रूप से रोका नहीं जा सकता क्योंकि लाऊडस्पीकर निर्वाचन प्रचार के एवं जन समूह सम्प्रेषण के साधनों में से एक साधन है। लेकिन इसके साथ-साथ विषम समय एवं विषम स्थान पर लाऊडस्पीकर के अविवेक पूर्ण ऊंचे स्वरों पर अवैधानिक प्रयोग जिससे जनमानस की शांति एवं स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता हो, की अनुमति नहीं दी जा सकती है। अतएव वर्णित तथ्यों के प्रकाश में हर पहलुओं पर विचार कर आदेश जारी किया गया है।

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