छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं को अमरकंटक में बड़ी सौगात उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के प्रयासों से मिलेगी 5 एकड़ भूमि, आबंटन की प्रक्रिया शुरू

कवर्धा, 16 जुलाई 2025/sns/- सावन मास में छत्तीसगढ़ से हर वर्ष बड़ी संख्या में कांवड़ यात्री अमरकंटक पहुंचते हैं। इन श्रद्धालुओं की सुविधा और सम्मानजनक ठहराव के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन और उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के विशेष प्रयासों से मध्यप्रदेश के अनुपपुर जिले के पवित्र तीर्थ स्थल अमरकंटक में छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं के लिए 5 एकड़ भूमि का आवंटन मिलने जा रहा है। स्थानीय प्रशासन स्तर पर आबंटन की प्रक्रिया जारी है। आबंटन के बाद इस भूमि पर जल्द ही एक सर्व-सुविधा युक्त श्रद्धालु भवन का निर्माण किया जाएगा।

इस भवन में श्रद्धालुओं के ठहरने, भोजन, स्नान-शौचालय, चिकित्सा, पार्किंग तथा सांस्कृतिक गतिविधियों की व्यवस्था की जाएगी। 

इस संबंध में मध्यप्रदेश के अनुपपुर जिले के कलेक्टर द्वारा भूमि आबंटन की प्रकिया जारी है। कबीरधाम कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा के निर्देशानुसार इस आशय की सार्वजनिक सूचना भी जारी की गई है एवं दावा आपत्ति माँगी गई है।

छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के हजारों श्रद्धालु हर वर्ष सावन में अमरकंटक पहुंचते हैं, लेकिन अब तक वहां सुविधाओं की कमी के कारण उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार इस आवश्यकता को लंबे समय से महसूस कर रही थी और यह अमर कंटक में भव्य और सर्व सुविधायुक्त भक्तों, श्रद्धालुओ और पर्यटकों के लिए भक्ति भवन बने। भवन निर्माण के साथ छत्तीसगढ़ की परंपराएं, रीति-रिवाज, लोक संस्कृति और धार्मिक पहचान को प्रदर्शित किया जाएगा।

उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय सरकार का बहुत स्प्ष्ट मंशा है कि हर श्रद्धालु को ससम्मान, सुरक्षित और सुविधाजनक वातावरण मिले। यह भवन आने वाले समय में न केवल सुविधा केंद्र होगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक गरिमा और आध्यात्मिक पहचान के रूप में विकसित किया जाएगा।

उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि श्री मोहन यादव ने इस प्रस्ताव को खुले मन से स्वीकार किया और तत्परता से सभी प्रशासनिक औपचारिकताएं पूरी करा रही है, जिसके लिए छत्तीसगढ़वासी सदा आभारी रहेंगे। यह सहयोग केवल भूमि आवंटन भर नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं के प्रति सेवा भावना और साझा संस्कृति का आदर भी है।

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