रायपुर, 03 दिसंबर 2025/sns/-राज्यपाल श्री रमेन डेका आज विश्व दिव्यांग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए और दिव्यांग बच्चों को आर्शीवाद एवं प्रोत्साहन दिया। इस अवसर पर श्री डेका ने कहा कि दिव्यांगजनों के लिए समाज संवेदनशील बने, उनका सम्मान करें और उन्हें आत्मनिर्भर बनने में सहयोग करें।
राज्यपाल श्री डेका ने कोपलवाणी श्रवण बाधित विद्यालय सेमरिया में आयोजित कार्यक्रम में विद्यालय से उत्तीर्ण हुए छात्र-छात्राओं को जो स्वरोजगार व अन्य क्षेत्र में कार्य कर रहे है उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने इस विद्यालय को अपने स्वेच्छानुदान मद से 5 कम्प्यूटर प्रदान करने की घोषणा की साथ ही उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत करने के लिए व्यक्तिगत रूप से 2 लाख रूपए देने की भी घोषणा की।
राज्यपाल श्री डेका ने अपने संबोधन में कहा कि दिव्यांगजन भी हमारे समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। हमे ऐसा माहौल बनाना है जहां उन्हें किसी भी तरह की रूकावट महसूस न हो। हम शासन और समाज मिलकर दिव्यांगजनों के लिए ऐसी दुनिया बनाएं जहां वे सम्मान और आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए केंद्र और राज्य शासन द्वारा योजनाएं चलाई जा रही है। दिव्यांग पेंशन से उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जाती है। सरकारी नौकरी में आरक्षण, छात्रवृत्ति, निःशुल्क सहायक उपकरण उपलब्ध कराकर उन्हें शिक्षा एवं स्वावलंबन में मदद की जाती है। उन्होंने कहा कि अधोसंरचना को दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाया जाना चाहिए।
श्री डेका ने दिव्यांग बच्चों से कहा कि आप समाज के एक अंग है। समाज प्रदेश व देश आपके साथ है।
राज्यपाल श्री डेका ने विद्यालय के विभिन्न कक्षाओं में जाकर छात्र-छात्राओं से मुलाकात की साथ ही उनके द्वारा बनाए गए पेंटिंग की प्रदर्शनी को देखा और सराहना की। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल के पहल पर इस संस्था के दिव्यांग बच्चों द्वारा बनाई पेंटिग को लोकभवन द्वारा क्रय किया जाता है और यहां आने वाले मेहमानों को भेंट किया जाता है। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के आगमन पर उन्हें भी यह पेंटिंग भेंट की गई थी।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सदस्य श्रीमती शताब्दी पाण्डेय, वनबंधु संस्था की अध्यक्ष श्रीमती कांता सिंघानिया, कोपलवाणी की संस्थापक श्रीमती पद्मा शर्मा सहित अन्य अतिथि एवं पालकगण तथा विद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।



