छत्तीसगढ़

आयुर्वेद के विषय में ज्ञान जरूरी – संभागायुक्त श्री राठौर – हेमचंद यादव विश्व विद्यालय दुर्ग में स्वास्थ्य ज्ञान यज्ञ (संगोष्ठी) का आयोजन


 
दुर्ग, 16 अक्टूबर 2025/
sns/- धन्वंतरि स्वास्थ्य सप्ताह के उपलक्ष्य पर हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग द्वारा स्वास्थ्य ज्ञान यज्ञ (संगोष्ठी) का आयोजन शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दुर्ग के राधाकृष्णन हॉल में किया गया। इस संगोष्ठी का उद्देश्य भारतीय योग विज्ञान की तरह भारतीय चिकित्सा विज्ञान आयुर्वेद स्वास्थ्य संरक्षण के अनूठे विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाना हैं। साथ ही यह संगोष्ठी स्वस्थ रहने के सहज, सरल विज्ञान को विस्तार से समझने, स्वस्थ समाज निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने, विभिन्न प्रकार की बीमारियों पर रोक लगाने में एक महती भूमिका निभाएगी। धन्वंतरि जयंती के अवसर पर स्वास्थ्य जागरण, आयुर्वेदिक ज्ञान का प्रसार करने के हेतु स्वास्थ्य ज्ञान (संगोष्ठी) का आयोजन एक मील का पत्थर साबित होगी।
मुख्य अतिथि दुर्ग संभाग के संभागायुक्त श्री सत्यनारायण राठौर ने संबोधित करते हुए कहा कि ऐसी संगोष्ठियाँ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से स्वस्थ रहने के बारे में जानकारी और जागरूकता फैलाने पर केन्द्रित होती है। उन्होंने आगे बताया कि कोरोना काल में किस प्रकार आयुर्वेद चिकित्सा ज्ञान ने न केवल उन्हें बल्कि पूरे परिवार को भी सुरक्षित रखा। प्रत्येक व्यक्ति को आयुर्वेद के विषय में ज्ञान होना आवश्यक है। जिससे न केवल हमारा परिवार बल्कि समाज भी स्वस्थ एवं प्रतिस्पर्धी बनेगा और भारत के विश्व गुरू बनने का भी सपना पूरा हो सकेगा।
हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग कुलपति, प्रो. (डॉ.) संजय कुमार तिवारी ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि आयुर्वेद का अर्थ है आयु को बढ़ाने वाला ज्ञान। उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने आयुर्वेद विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए एक नया मंत्रालय, आयुष मंत्रालय के रूप में स्थापित किया। भारत सरकार ने आयुर्वेद पद्धति को बढ़ावा देते हुए ऐलोपैथी चिकित्सा पद्धति का इसे एक उपयुक्त विकल्प मानते हुए इस हेतु बजट के आकार में वृद्धि की है। इससे न सिर्फ हमारी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को बल मिलेगा बल्कि प्रत्येक व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य लाभ भी मिलेगा।
संगोष्ठी के मुख्यवक्ता डॉ. मनोहर लहेजा, प्रांताध्यक्ष, विश्व आयुर्वेद परिषद् ने आयुर्वेद के विषय में गूढ़ जानकारी दी और कहा कि ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का सेवन करना उचित होता है। प्रत्येक व्यक्ति को समय देखकर नहीं बल्कि भूख लगने पर उचित खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। डॉ. राजेन्द्र अग्रवाल, प्रांत उपाध्यक्ष, आरोग्य भारती ने व्याख्यान में कहा कि विभिन्न जड़ी-बूटियों की जानकारी दी जो शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ शरीर को स्वस्थ भी रखता है। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दुर्ग के प्राचार्य, डॉ. अजय कुमार सिंह ने स्वागत संबोधन दिया। सहायक कुल सचिव श्री दिग्विजय कुमार सिंह ने संगोष्ठी के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री भूपेन्द्र कुलदीप ने धन्यवाद ज्ञापन प्रेषित किया। कार्यक्रम का संचालन, डॉ. ज्योति धारकर, प्राध्यापक, शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग ने किया। इस अवसर पर हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के उप कुलसचिव, डॉ. राजमणि पटेल, श्री राजेन्द्र चौहान, खेल संचालक, डॉ. दिनेश नामदेव, डिजिटल सलाहकार, डॉ. बी. गोपाल कृष्ण एवं समस्त सम्बद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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