अम्बिकापुर, 04 सितम्बर 2025/sns/- नगर पालिक निगम अंबिकापुर में चल रहे नक्शा प्रोजेक्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज तीसरा दिवस रहा। इस अवसर पर विषय विशेषज्ञों और मास्टर ट्रेनर्स ने प्रतिभागियों को आधुनिक तकनीक, विधिक प्रावधानों तथा शहरी सर्वेक्षण की प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम के पहले सत्र में यशदा पुणे से आए विशेषज्ञ श्री एस. त्रिपाठी ने जीआई एस, एन आर टी के और जीआईएस स्पेशल टेक्नोलॉजी की उपयोगिता समझाई। उन्होंने बताया कि जीआईएस आधारित तकनीक शहरी भूमि अभिलेखन एवं नक्शा निर्माण में अहम भूमिका निभाती है। इसके माध्यम से सटीक डेटा एकत्रित किया जा सकता है, जो हितग्राहियों और स्थानीय निकाय दोनों के लिए लाभकारी है।
उन्होंने विश्व स्तर पर उपयोग हो रहे विभिन्न सैटेलाइट सिस्टम- रूस, चीन, यूरोप, भारत और जापानकृकी कार्यप्रणाली तथा कंटीन्यूअस ऑपरेटिंग रेफरेंस सिस्टम(CORS) से रोवर की कनेक्शन की प्रक्रिया को भी समझाया। प्रशिक्षणार्थियों को बताया गया कि रोवर और कोर्स के बीच किस प्रकार लिंक स्थापित कर डेटा इकट्ठा किया जाएगा।
मास्टर ट्रेनर श्री दीपचंद भारती ने स्वामित्व योजना और नक्शा प्रोजेक्ट की अवधारणा पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वामित्व योजना के अंतर्गत आबादी भूमि मे निवासरत परिवारों को अधिकार अभिलेख दिए जा रहे हैं, वहीं शहरी क्षेत्रों में नक्शा प्रोजेक्ट के माध्यम से हितग्राहियों को स्वामित्व प्रमाणित दस्तावेज प्रदान किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि यह पहल न केवल पारदर्शिता लाएगी, बल्कि शहरी निकायों के लिए भी भूमि प्रबंधन और कर संग्रहण को व्यवस्थित बनाएगी। इसके अतिरिक्त, शासकीय भूमि की पहचान और अवैध कब्जों की रोकथाम में भी यह तकनीक अत्यंत कारगर होगी। स्टेट मास्टर ट्रेनर श्री भारती ने प्रशिक्षणार्थियों को फील्ड सर्वे की बारीकियों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि ड्रोन से प्राप्त उच्च गुणवत्ता वाली इमेजरी को कैसे उपयोग किया जाए, रोवर एवं इटीएस मशीनों का किस प्रकार प्रयोग होगा, और शासकीय तथा निजी भूमि का सीमांकन किस क्रम में किया जाएगा।
साथ ही, शहरी भूमि मे निवासरत परिवार को नोटिस जारी करने की प्रक्रिया, हितग्राहियों से संवाद, भौतिक सत्यापन (फील्ड ट्रूथिंग), संभावित समस्याएं और उनके समाधान पर भी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि सर्वे कार्य के दौरान पारदर्शिता और स्थानीय लोगो और जनप्रतिनिधियों का सहयोग व सहभागिता अनिवार्य है।
दिन के दूसरे सत्र में मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉरपोरेशन(MPSDC) की टीम ने नक्शा प्रोजेक्ट के लिए विकसित मोबाइल एवं डेस्कटॉप सॉफ्टवेयर का प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया। इस सॉफ्टवेयर में विभिन्न चरणों के अनुसार अलग-अलग आईडी और क्रेडेंशियल बनाए गए हैं।
टीम ने समझाया कि इस सॉफ्टवेयर का उपयोग करके कम समय में सटीक और पारदर्शी अधिकार अभिलेख तैयार किए जा सकते हैं। सॉफ्टवेयर के मुख्य फीचर्स, डेटा एंट्री प्रक्रिया, सत्यापन के चरण और रिपोर्ट तैयार करने की विधि का भी प्रदर्शन किया गया।
प्रशिक्षण के चौथे दिन सर्वे ऑफ इंडिया की टीम फील्ड में जाकर प्रतिभागियों को रोवर और एटीएस मशीनों के माध्यम से व्यावहारिक प्रशिक्षण देगी। मौके पर भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया और ग्राउंड ट्रूथिंगके महत्व पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा।


