छत्तीसगढ़

1300 से अधिक मंचों पर एकल प्रस्तुतियाँ देने वाली भरतनाट्यम नृत्यांगना एम.टी.मृन्मयी ने बाँधा समां


रायगढ़, 01 सितम्बर 2025/sns/- अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चक्रधर समारोह के मंच पर दुर्ग से आयी भरतनाट्यम नृत्यांगना सुश्री एम.टी.मृन्मयी ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रसिद्ध भरतनाट्यम आचार्य डॉ.जी.रतीश बाबू की सुपुत्री एवं शिष्या मृन्मयी ने अपनी साधना और अनुशासन से भरतनाट्यम की परंपरा को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है। अब तक 1300 से अधिक मंचों पर एकल प्रस्तुतियाँ देकर उन्होंने शास्त्रीय नृत्य मंच पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।

सुश्री एम.टी.मृन्मयी ने देश के विभिन्न प्रतिष्ठित मंचों जैसे-चिलंका फेस्ट (केरल सरकार), संगीत नाटक अकादमी युवा महोत्सव, प्रयागराज कुंभ, हॉल ऑफ फेम चेन्नई, तपस नृत्यउत्सव चेन्नई, पुनर उत्सव बैंगलुरु समेत कई प्रमुख आयोजनों में अपनी नृत्य प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उन्होंने भारत की शास्त्रीय नृत्य परंपरा का प्रतिनिधित्व बैंकॉक, मलेशिया एवं अन्य देशों में किया है। उन्हें सीसीआरटी छात्रवृत्ति से सम्मानित है और कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा गया है। कला और शिक्षा दोनों में श्रेष्ठता हासिल करते हुए उन्होंने कक्षा बारहवीं में 95% अंक अर्जित किए हैं तथा वर्तमान में अंग्रेजी साहित्य में स्नातक एवं भरतनाट्यम में बैचलर ऑफ परफॉर्मिग आर्ट शिक्षा की ग्रहण कर रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *