छत्तीसगढ़

शिक्षा गुणवत्ता में सुधार की दिशा में युक्तियुक्तकरण का असर, सुदूर बगडीहपारा गांव के बच्चों को अब मिल रही बेहतर शिक्षा


अम्बिकापुर, 11 अगस्त 2025/sns/-  प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा प्रारंभ की गई शाला-शिक्षक युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया अब जमीनी स्तर पर सकारात्मक परिणाम दे रही है। इस नीति के तहत सरगुजा जिले के मैनपाट विकासखंड अंतर्गत प्राथमिक शाला बगडीहपारा में अब दो शिक्षक पदस्थ हो चुके हैं, जिससे यहां के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और नियमित शिक्षा प्राप्त हो रही है।

इस प्राथमिक शाला में हाल ही में पदस्थ किए गए शिक्षक श्री रंजीत खलखो ने जानकारी देते हुए बताया कि पहले प्राथमिक शाला बडवापाट में अतिशेष शिक्षक के रूप में कार्यरत थे। शासन द्वारा शैक्षणिक संस्थानों में संतुलन और प्रभावी संचालन हेतु प्रदेश भर में शाला-शिक्षक युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया आरंभ की गई। इस प्रक्रिया के तहत शिक्षकों को उनकी योग्यता, आवश्यकता और पारदर्शिता के आधार पर उपयुक्त शालाओं में पदस्थ किया गया।

श्री खलखो ने बताया कि उन्हें इस प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता के साथ शाला चयन का अवसर मिला। उन्होंने स्वेच्छा से बगडीहपारा गांव के प्राथमिक शाला को चुना क्योंकि वे स्वयं दूरस्थ क्षेत्रों में बच्चों को शिक्षा देना अपना दायित्व और सौभाग्य मानते हैं। आज विद्यालय में दो शिक्षक होने से कक्षाओं का संचालन नियमित हो गया है और बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से चल रही है।

विद्यालय में शिक्षकों की उपलब्धता से छात्रों में भी उत्साह है। अभिभावक अब विद्यालय पर भरोसा कर रहे हैं और बच्चों की उपस्थिति में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इससे स्पष्ट होता है कि शासन की यह नीति न केवल शिक्षकों के संतुलित वितरण के लिए कारगर है, बल्कि इससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने में भी सहायता मिल रही है।

शासन की युक्तियुक्तकरण नीति से बच्चों तक शिक्षा पहुंचा रही है, जो कभी उपेक्षित थे।  मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल ने शिक्षा के अधिकार को मजबूत कर रही है और यह सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी बच्चा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित न रहे।

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