कवर्धा, 28 जुलाई 2025/sns/- छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं को अब अमरकंटक में ठहरने और सुविधाओं की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। सावन मास में अमरकंटक प्रवास के दौरान उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने मध्यप्रदेश के अनुपपुर जिले में छत्तीसगढ़ सरकार के लिए आबंटन हेतु चिन्हांकित 5 एकड़ भूमि का निरीक्षण किया। यह निरीक्षण श्रद्धालु भवन निर्माण की दिशा में एक ठोस पहल है, जिससे लाखों श्रद्धालुओं को लाभ मिलेगा।
निरीक्षण के दौरान उपमुख्यंत्री श्री शर्मा ने भूमि की स्थिति, स्थल की उपयुक्तता एवं पहुँच मार्ग का अवलोकन किया। इस अवसर पर अनुपपुर और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिला प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित थे। भूमि के लिए पूर्व में दावा-आपत्तियाँ आमंत्रित की गई थीं, लेकिन निर्धारित अवधि तक कोई आपत्ति प्राप्त नहीं हुई, जिससे अब भूमि का आवंटन सुनिश्चित माना जा रहा है।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की मंशा के अनुरूप इस भूमि पर जल्द ही एक भव्य और सर्वसुविधायुक्त श्रद्धालु भवन का निर्माण किया जाएगा। इसमें ठहरने, भोजन, स्नान-शौचालय, प्राथमिक उपचार, पार्किंग और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ से प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में कांवड़िये, श्रद्धालु और पर्यटक अमरकंटक पहुँचते हैं। अब तक उन्हें वहाँ ठहरने व मूलभूत सुविधाओं के अभाव में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। उन्होंने कहा कि इस भवन से छत्तीसगढ़ के कांवड़ियों, श्रद्धालुओं और भक्तों के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों से अमरकंटक आने वाले श्रद्धालुओं को भी लाभ मिलेगा।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने बताया कि यह भवन न केवल सुविधा केंद्र होगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपराएं, लोक आस्था और धार्मिक पहचान का प्रतीक भी बनेगा। यह भवन श्रद्धालुओं की सेवा के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को भी जीवंत बनाएगा।
इस ऐतिहासिक प्रयास में सहयोग देने के लिए श्री शर्मा ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि श्री यादव ने प्रस्ताव को खुले मन से स्वीकार करते हुए प्रशासनिक औपचारिकताएं शीघ्र पूरी कराईं, आने वाले समय मे दोनों राज्यों कस बीच पर्यटन सुविधाओ का विस्तार होगा।
उम्मीद है कि शीघ्र ही भूमि का आवंटन औपचारिक रूप से पूर्ण हो जाएगा और भवन निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। यह श्रद्धालु भवन आने वाले समय में आस्था, सुविधा और संस्कृति का संगम बनेगा, जहाँ देशभर के भक्त सम्मानपूर्वक विश्राम कर सकेंगे और छत्तीसगढ़ की आत्मीयता का अनुभव प्राप्त करेंगे।

